Edited By Ramanjot, Updated: 15 Jun, 2023 05:56 PM

Nitish Cabinet Expansion: दरअसल, सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले रत्नेश सदा को एससी/एसटी कल्याण विभाग दिया जाएगा, जो पहले संतोष सुमन के पास था। गौरतलब है कि संतोष सुमन ने मंगलवार को जद(यू) पर अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के...
Nitish Cabinet Expansion: जदयू विधायक रत्नेश सदा (Ratnesh Sada) कल यानि शुक्रवार को नीतीश कुमार सरकार (Nitish Government) में शामिल होने जा रहे हैं। पार्टी सदा को अपने नए दलित चेहरे के रूप में पेश करना चाहती है। इसके लिए 16 जून को सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर रत्नेश सदा को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर उन्हें पद की गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। राजभवन के राजेंद्र मंडप में रत्नेश सदा को शपथ दिलाई जाएगी।
संतोष सुमन ने मंत्री पद से दिया था इस्तीफा
दरअसल, सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले रत्नेश सदा को एससी/एसटी कल्याण विभाग दिया जाएगा, जो पहले संतोष सुमन के पास था। गौरतलब है कि संतोष सुमन ने मंगलवार को जद(यू) पर अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के विलय का "दबाव" बनाने का आरोप लगाते हुए इस विभाग के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। रत्नेश सदा को सुमन के इस्तीफे की घोषणा के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना बुलाया गया था। उस वक्त सदा सहरसा जिले में पड़ने वाले अपने निर्वाचन क्षेत्र में थे। पत्रकारों ने 52 वर्षीय रत्नेश सदा से जब उन्हें कैबिनेट में शामिल किए जाने के संबंध में सवाल किया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। लेकिन मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए सदा ने यह जरूर कहा कि उनकी राजनीतिक हैसियत उनके नेता (नीतीश) के कारण है।
संतोष सुमन ने CM नीतीश को दिया धोखा: रत्नेश सदा
रत्नेश सदा ने संतोष सुमन और उनके पिता, पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी "अतृप्त लालच और तिरस्कारपूर्ण महत्वाकांक्षा" के कारण नीतीश कुमार को धोखा दिया है। उन्होंने मांझी पर "मुख्यमंत्री के रूप में एक संक्षिप्त कार्यकाल के अलावा 1980 के दशक से कई सरकारों में मंत्री होने के बावजूद दलितों, विशेष रूप से मुसहर समुदाय को केवल दिलासा देने का भी आरोप लगाया। ऐसा माना जा रहा है कि जद (यू) घनी आबादी वाले उत्तर बिहार से ताल्लुक रखने वाले रत्नेश सदा को सहारा देकर मांझी से होने वाले नुकसान को बेअसर करना चाहती है, खासकर अगर वह भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में लौट आए।