Edited By Swati Sharma, Updated: 22 Apr, 2025 02:34 PM

Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री एवं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HUM) के संरक्षक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) पर कटाक्ष करते हुए आज कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री पद की कोई वैकेंसी नहीं...
Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री एवं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HUM) के संरक्षक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) पर कटाक्ष करते हुए आज कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री पद की कोई वैकेंसी नहीं है। मांझी ने यहां खरखुरा मुहल्ले में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह के दौरान यादव पर हमला बोला और कहा वह इंडिया गठबंधन (India Alliance) के संयोजक हो सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के दावेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का लगातार विकास हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) 225 सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
...हम इसके खिलाफ अंतिम सांस तक लड़ेंगे- Jitan Ram Manjhi
केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने वक्फ संशोधन कानून पर स्पष्ट किया कि उन्हें इस कानून के उस प्रावधान पर आपत्ति है, जिसमें गैर मुस्लिमों के प्रवेश की बात है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जब हिंदू मठों में गैर हिंदू नहीं हो सकते तो फिर मुस्लिम संस्थानों में गैर मुस्लिम क्यों। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसके खिलाफ अंतिम सांस तक लड़ेंगे। सरकार से भी कहेंगे कि यह एकतरफा है और इसे संशोधित किया जाना चाहिए।'' मांझी ने कॉमन स्कूलिंग सिस्टम प्रणाली पर भी सरकार की मंशा को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि न तो पिछली सरकारों में हिम्मत थी और न ही मौजूदा सरकार में है। आखिर किससे डर कर समान स्कूलिंग प्रणाली लागू नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत में ही खोट है इसीलिए समान शिक्षा का सपना अब तक अधूरा है। पूरे देश में एक समान शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए।
हम मंदिर-मस्जिद में पूजा करने नहीं बल्कि...- Jitan Ram Manjhi
हम के संरक्षक (Jitan Ram Manjhi) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर सिंह (Chandra Shekhar Singh) को भी नसीहत देते हुए कहा, ‘‘वह विद्वान जरूर हैं लेकिन हमारे बारे में जो कहा, उसे वह या तो सुधार लें या हम उसे स्पष्ट करें। हम मंदिर-मस्जिद में पूजा करने नहीं बल्कि भावनाओं का सम्मान करने जाते हैं। किसी की भावना का आदर करना रूढ़िवादिता नहीं है।''