Edited By Ramanjot, Updated: 09 Apr, 2025 08:06 PM

देश के विभिन्न राज्यों की तुलना में बिहार में अपराध की दर काफी कम है। राज्य पुलिस ने बकायदा आंकड़े जारी कर यह जानकारी दी है। पुलिस मुख्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि अपराधिक वारदातों के मामले में दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की गई है।
पटना: देश के विभिन्न राज्यों की तुलना में बिहार में अपराध की दर काफी कम है। राज्य पुलिस ने बकायदा आंकड़े जारी कर यह जानकारी दी है। पुलिस मुख्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि अपराधिक वारदातों के मामले में दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की गई है।
राज्य पुलिस मुख्यालय ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के उस एक्स पोस्ट का संज्ञान लिया है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष ने कतिपय आपराधिक घटनाओं का उल्लेख करते हुए राज्य की विधि-व्यवस्था पर टिप्पणी की है। उन्होंने अपने पोस्ट पर 76 आपराधिक घटनाओं का उल्लेख किया था। इसमें मुख्यालय के स्तर पर 46 घटनाओं को चिन्हित कर इसमें की गई कार्रवाई की अपडेट स्थिति स्पष्ट करते हुए विस्तृत ब्यौरा जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अधिकांश घटनाएं वर्ष 2025 में जनवरी से अभी तक की हैं। किसी घटना की तिथि एवं थाना का उल्लेख नहीं है, जिसके कारण घटनाएं स्पष्ट नहीं हो पा रही हैं। सिर्फ 46 की ही पहचान की गई है।
पुलिस मुख्यालय ने इस तरह के पोस्ट पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि अनावश्यक टीका टिप्पणी से पुलिस के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पुलिस अपना काम पूरी निष्टा एवं ईमानदारी से कर रही है।
पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष के पोस्ट में उल्लिखित अधिकांश घटनाएं छोटे-छोटे कारणों से घटित हुई हैं। मसलन, रुपये का लेनदेन, बच्चों की लड़ाई, पूर्व के आपसी विवाद, भूमि विवाद, प्रेम प्रसंग, मोबाइल से लेनदेन समेत अन्य शामिल हैं। इन 46 कांडों में कार्रवाई की जा रही है और इनमें 112 दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। पुलिस हर छोटी-बड़ी घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कांडों की जांच कर रही है। दोषियों की गिरफ्तारी की जा रही है।
इस वर्ष 1 जनवरी से 7 अप्रैल तक पुलिस पर हमले के मामलों में 947 दोषियों की गिरफ्तारी की गई है। लूट के मामलों में 697 और डकैती के मामलों में 281 दोषियों को गिरफ्तार किया गया है। राष्ट्रीय अभिलेख रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, अपराध दर के आधार पर प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का देशभर में हत्या के मामलों में 14वां स्थान है। 2019 से 2021 के बीच बिहार में अपराध की दर 2019 में 2.6, 2020 में 2.6 और 2021 में 2.3 दर्ज की गई है। 2022 में भी हत्या के मामलों में अपराध की दर 2.3 ही है, जो पिछले वर्ष से स्थिर है।
अधिकांश घटनाएं हत्या, व्यक्तिगत दुश्मनी की
अधिकांश घटनाएं जो हुई हैं, वे व्यक्तिगत दुश्मनी, विवाद, अवैध संबंधों एवं प्रेम प्रसंग के कारण हुई हैं। अगर इन घटनाओं का प्रतिशत कुल आपराधिक घटनाओं से तुलना करें, तो 2021 में व्यक्तिगत दुश्मनी, विवाद, अवैध संबंधों और प्रेम प्रसंग की 1952 घटनाएं हुईं हैं, जो कुल घटी 2799 घटनाओं का 69.73 प्रतिशत है। इसी तरह 2022 में कुल आपराधिक घटनाओं 2930 में 2087 घटनाएं इन्हीं कारणों से हुईं, जो कुल घटना का 71.20 प्रतिशत है। 2023 में कुल आपराधिक घटनाओं 2862 में 2109 घटनाएं इन्हीं अपराधों से संबंधित थी, जो 73.69 प्रतिशत हैं।
बिहार में संज्ञेय अपराध की दर प्रति लाख जनसंख्या पर 277
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 के दौरान बिहार में कुल संज्ञेय अपराध की दर प्रति एक लाख की आबादी पर 277.1 है। राष्ट्रीय स्तर पर घटित कुल अपराधिक आंकड़ों में प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर संज्ञेय अपराध की दर 422.2 है। बिहार का देश में 19वां स्थान है।
वहीं, 2022 में पूरे देश में प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर कुल अपराध की दर 258.1 है। बिहार में भारतीय दंड विधान के अंतर्गत प्रतिवेदित अपराध की दर 168.1 है। सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में भारतीय दंड विधान के अंतर्गत प्रतिवेदित कुल अपराध की तुलना में बिहार में अपराध दर काफी कम है। इस मामले में बिहार का स्थान 21वां है।
कुछ बड़े राज्यों की तुलना में बिहार में अपराध दर
- राष्ट्रीय संज्ञेय अपराध की दर- 422.2
- आंध्रप्रदेश- 368.2
- छत्तीसगढ़- 404.2
- गुजरात- 738.9
- हरियाणा- 810.4
- केरल- 1274.8
- मध्यप्रदेश- 569.3
- महाराष्ट्र- 443.0
- उड़ीसा- 386.7
- राजस्थान- 388.8
- तमिलनाडु- 617.2
- उत्तर प्रदेश- 322.0
- बिहार- 277.1