बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर: पशुपति पारस ने NDA से अलग होने का किया ऐलान

Edited By Ramanjot, Updated: 15 Apr, 2025 08:04 AM

pashupati paras news

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को एनडीए (NDA) से अपने रिश्ते खत्म करने की औपचारिक घोषणा कर दी।

पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को एनडीए (NDA) से अपने रिश्ते खत्म करने की औपचारिक घोषणा कर दी। यह ऐलान उन्होंने पटना में आयोजित 'संकल्प सम्मेलन' के दौरान किया, जो कि डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती के मौके पर पार्टी की ओर से आयोजित किया गया था।

एनडीए से अलग हुई रालोजपा 

अपने संबोधन में पारस ने कहा कि वह 2014 से एनडीए के साथ जुड़े रहे हैं, लेकिन अब उनकी पार्टी का एनडीए से कोई लेना-देना नहीं रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि रालोजपा (RLJP) अब उस गठबंधन का हिस्सा बनेगी, जहां उन्हें सम्मान (Respect in Alliance) मिलेगा।

रामविलास पासवान को बताया ‘दूसरे आंबेडकर’

पारस ने अपने दिवंगत भाई और लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान को ‘दूसरा आंबेडकर’ बताते हुए उन्हें भारत रत्न देने की मांग की। उन्होंने कहा कि पासवान जी ने दलितों और पिछड़ों के लिए जो कार्य किया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।

सरकार पर हमला – "नीतीश सरकार दलित विरोधी"

बिहार की मौजूदा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए पारस ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार दलित विरोधी (Anti-Dalit Allegation) है। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार चरम पर है और बिना घूस के कोई काम नहीं होता। उन्होंने औरंगाबाद की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक लोजपा (रामविलास) कार्यकर्ता के बेटे को गाड़ी से कुचल दिया गया, लेकिन सरकार अब तक मूकदर्शक बनी हुई है।

मुस्लिम समुदाय और वक्फ बिल पर बयान

पशुपति पारस ने वक्फ बिल पर भी विरोध जताया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के साथ अन्याय हुआ है और हम इस बिल का विरोध करते हैं। उन्होंने बिहार की शराबबंदी नीति (Liquor Ban) को लेकर कहा कि हम इसका विरोध नहीं करते, लेकिन गरीबों को जेल में डालना गलत है। उन्होंने मांग की कि उन्हें रिहा किया जाए।

पासी समाज के लिए ताड़ी पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग

पारस ने कहा कि पासी समुदाय के पारंपरिक व्यवसाय पर रोक लगाना ठीक नहीं है। उन्होंने ताड़ी (Toddy) पर लगे प्रतिबंध को हटाने की वकालत की।

पूरे बिहार में दौरा करेंगे पारस

पारस ने अपने समर्थकों से आह्वान किया कि वे पूरे बिहार में जाएं और सत्ता परिवर्तन के लिए लोगों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर वे जनता से संवाद करेंगे और सही समय पर राजनीतिक दिशा तय की जाएगी।

इस सम्मेलन में रालोजपा के कई बड़े नेता भी मौजूद थे, जिनमें पूर्व सांसद प्रिंस पासवान, संसदीय बोर्ड अध्यक्ष सूरजभान सिंह समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।

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