Edited By Ramanjot, Updated: 25 Feb, 2025 05:50 PM
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बिहार में भूमि सर्वेक्षण कार्य को गति देने के लिए बड़ी तकनीकी बाधा दूर हो गई है। राज्य के 9 प्रमंडलों में से 8 के सर्वर ने अलग-अलग काम करना शुरू कर दिया है,
पटना: बिहार में भूमि सर्वेक्षण कार्य को गति देने के लिए बड़ी तकनीकी बाधा दूर हो गई है। राज्य के 9 प्रमंडलों में से 8 के सर्वर ने अलग-अलग काम करना शुरू कर दिया है, जबकि शेष एकमात्र सारण प्रमंडल का सर्वर भी आज शाम तक पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा। इसके साथ ही कल यानी गुरुवार तक सभी प्रमंडलों के सर्वर स्वतंत्र रूप से कार्य करने लगेंगे, जिससे भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
स्वघोषणा फॉर्म भरने की प्रक्रिया हुई आसान
भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने शास्त्रीनगर स्थित राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में स्वघोषणा की जिलावार समीक्षा की। उन्होंने बताया कि भूमि सर्वेक्षण के दूसरे चरण में 18 जिलों में काम जारी है, जिनमें दरभंगा सबसे आगे रहा। अब तक ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से 7,94,2233 स्वघोषणाएं प्राप्त हो चुकी हैं, जिनमें से 46,41,796 ऑनलाइन सबमिट की गई हैं।
पटना में भी स्वघोषणा कार्य की बढ़ी रफ्तार
राजधानी पटना में सभी 26 अंचलों को मिलाकर 3,30,334 स्वघोषणाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 1,53,375 स्वघोषणाएं सीधे रैयतों ने ऑनलाइन सबमिट कीं। शेष 1,76,959 स्वघोषणाएं शिविरों में ऑफलाइन मोड में मिलीं, जिनमें से 1,38,899 पहले ही ऑनलाइन अपडेट की जा चुकी हैं।
भूमि सर्वेक्षण का कार्य तय कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि भूमि सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त का काम तय समय-सीमा में पूरा किया जाएगा। उन्होंने रैयतों से अपील की कि 31 मार्च 2025 तक वे अपनी जमीन का विवरण ऑनलाइन या ऑफलाइन जरूर समर्पित करें।
इन जिलों में हो रहा है दूसरे चरण का भूमि सर्वेक्षण
अगस्त 2024 से शुरू हुए भूमि सर्वेक्षण के दूसरे चरण में मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, पटना, भोजपुर, रोहतास, कैमूर, बक्सर, सारण, सीवान, गोपालगंज, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, गया, औरंगाबाद, नवादा और भागलपुर जिले शामिल हैं।