Edited By Ramanjot, Updated: 06 Sep, 2022 05:29 PM

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कार्यालय में पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात करने के बाद नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि यह समय वाम दलों, कांग्रेस और सभी क्षेत्रीय दलों के साथ आकर एकजुट विपक्ष का गठन करने का है। भारतीय जनता...
नई दिल्लीः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि वह ना तो प्रधानमंत्री पद के दावेदार है और ना ही इसके लिए इच्छुक हैं। नीतीश कुमार का यह बयान उन अटकलों के बीच आया है कि उनका राष्ट्रीय राजधानी का दौरा विपक्षी दलों का नेता बनने की उनकी कवायद का हिस्सा है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कार्यालय में पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात करने के बाद नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि यह समय वाम दलों, कांग्रेस और सभी क्षेत्रीय दलों के साथ आकर एकजुट विपक्ष का गठन करने का है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ने के बाद नीतीश पहली बार सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे थे। वह आज दिन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के मुख्यालय में पार्टी के महासचिव डी. राजा से भी मिलेंगे।
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘ मेरे माकपा के साथ पुराने एवं लंबे संबंध हैं। आप सभी ने नहीं देखा होगा, लेकिन मैं जब भी दिल्ली आता हूं इस कार्यालय में जरूर आता था। आज फिर हम सब एकसाथ हैं। हमारा पूरा ध्यान सभी वाम दलों, क्षेत्रीय दलों, कांग्रेस को एकजुट करने पर है। हम सभी के साथ आने के बड़े मायने होंगे।'' प्रधानमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षाओं पर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘यह गलत है। मैं ना तो उस पद का दावेदार हूं और ना ही इसको लेकर इच्छुक हूं।''
वहीं, येचुरी के अनुसार, नीतीश की विपक्ष में वापसी और भाजपा के खिलाफ लड़ाई का हिस्सा बनने की उनकी इच्छा भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है। उन्होंने कहा, ‘‘ पहली बात तो मकसद विपक्षी दलों को एकजुट करने का है प्रधानमंत्री उम्मीदवार का चयन करने का नहीं। जब समय आएगा, हम प्रधानमंत्री पद का दावेदार चुनेंगे और आपको बताएंगे।'' नीतीश ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख एच. डी. कुमारस्वामी से मुलाकात की थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार, आम आदमी पार्टी (आप) के अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी (सपा) के अखिलेश यादव और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के ओम प्रकाश चौटाला सहित कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से भी मिलने की संभावना है।