गोरैयों की पहचान और बचाव करेगा ‘सेव बिहार गोरैया ऐप’

Edited By Ramanjot, Updated: 20 Mar, 2025 07:43 PM

sparrow conservation in bihar

विश्व गोरैया दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने ‘द गौरैया बिहार’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया।

पटना: विश्व गोरैया दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने ‘द गौरैया बिहार’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया। इस ऐप के जरिए आम नागरिक गौरैया की जियो-टैग्ड तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं, जिससे राज्यभर में गौरैयों की उपस्थिति का डाटाबेस तैयार होगा। इस डेटा के आधार पर एक विशेष मैप तैयार किया जाएगा, जिससे गौरैयों की संख्या और उनकी उपस्थिति वाले क्षेत्रों की सही जानकारी मिलेगी।

गौरैया बचाने की पहल, बच्चों ने दिया संदेश

पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान (चिड़ियाघर) में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों ने नुक्कड़ नाटक ‘फुदकी की ये पुकार, फुदकी चाहे प्यार’ के माध्यम से गौरैया संरक्षण का संदेश दिया। इस नाटक में गौरैया की विलुप्ति के कारण और उन्हें घर वापसी के उपाय प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शहरी परिवेश में लुप्त होती गौरैया के संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाना था।

गौरैया संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण घोषणाएं

मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि 2010 से हर साल 20 मार्च को विश्व गोरैया दिवस मनाया जाता है, ताकि इस छोटे पक्षी की अहमियत को लोगों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि बिहार को हरित राज्य बनाए बिना गौरैया को बचाना संभव नहीं है। इस ऐप की मदद से गौरैया की पहचान, संरक्षण और उनकी संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने हर रविवार को पर्यावरण के लिए एक घंटा समर्पित करने की अपील की और घोषणा की कि वर्ष 2028 तक बिहार के कुल क्षेत्रफल का 17% हिस्सा हरित क्षेत्र में तब्दील किया जाएगा।

बिहार का राजकीय पक्षी और विभागीय योजनाएं

विभागीय सचिव वंदना प्रेयषी ने गौरैया के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक पक्षी नहीं, बल्कि हमारे समाज और पर्यावरण के लिए बेहद अहम जीव है। उन्होंने बताया कि अगर सरकार द्वारा लगाए गए 50% कृत्रिम घोंसलों में भी गौरैया लौट आती है, तो यह अभियान सफल माना जाएगा।

उन्होंने बिहार सरकार की वृक्षारोपण योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2024-25 के लिए 4.5 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य तय किया गया था, जिसमें से अब तक 4 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं और प्रक्रिया जारी है।

सम्मेलन में शामिल विशेषज्ञ और अधिकारी

इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) पीके गुप्ता, पटना जू के निदेशक हेमंत पाटिल, सीडब्लूएलडब्लू अवरिंदर सिंह, सत्यजीत कुमार और एस. चंद्रशेखर सहित कई विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

गौरैया बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम

‘द गौरैया बिहार’ ऐप बिहार में गौरैया संरक्षण को नई तकनीकी दिशा देने वाला कदम है। यह न सिर्फ गौरैया की उपस्थिति का सही आंकलन करेगा, बल्कि लोगों को इस अभियान से सीधे जोड़ने का भी अवसर देगा। बिहार सरकार का यह प्रयास राज्य में पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।


 

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