Bettiah Raj Property: बेतिया राज की भूमि पर बिहार सरकार के पूर्ण अधिग्रहण का रास्ता साफ, राजपत्र अधिसूचना जारी

Edited By Ramanjot, Updated: 22 Dec, 2024 09:46 AM

the way is clear for bihar government to take over the land of bettiah raj

राजपत्र अधिसूचना के मुताबिक, “बिहार राज्य के अंदर या बाहर स्थित बेतिया राज की सभी मौजूदा संपत्तियां, फिर चाहे वे न्यायालय के संज्ञान में हैं या जिनकी देखभाल न्यायालय द्वारा की जा रही है, चल या अचल, इस अधिनियम के लागू होने की तिथि से राज्य सरकार के...

Bettiah Raj Property: बिहार में बेतिया राज की लगभग 15,358 एकड़ जमीन पर प्रदेश सरकार के पूर्ण अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। इस संबंध में राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी गई है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। राज्य विधानमंडल द्वारा पिछले महीने शीतकालीन सत्र में पारित विधेयक के बाद 11 दिसंबर को ‘बेतिया राज संपत्ति निहित अधिनियम-2024' की राजपत्र अधिसूचना जारी की गई। इससे पहले, इन संपत्तियों का प्रबंधन ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स', राजस्व बोर्ड (बिहार सरकार) द्वारा किया जाता था। 

राजपत्र अधिसूचना के मुताबिक, “बिहार राज्य के अंदर या बाहर स्थित बेतिया राज की सभी मौजूदा संपत्तियां, फिर चाहे वे न्यायालय के संज्ञान में हैं या जिनकी देखभाल न्यायालय द्वारा की जा रही है, चल या अचल, इस अधिनियम के लागू होने की तिथि से राज्य सरकार के पास निहित होंगी। बेतिया राज संपत्ति में बेतिया के तत्कालीन राजा की सभी चल और अचल संपत्तियां शामिल हैं।” राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) दीपक कुमार सिंह ने शनिवार को बताया, “बेतिया राज संपत्ति निहित अधिनियम-2024 की राजपत्र अधिसूचना के प्रकाशन के साथ ही अब राज्य सरकार का राजस्व बोर्ड, अधिनियम के नियम बना रहा है, जिसे आगे राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी जाएगी।” 

बेतिया राज की भूमि का एक बड़ा हिस्सा अतिक्रमण का शिकार
दीपक सिंह ने बताया कि बेतिया राज की भूमि के प्रभावी संरक्षण और प्रबंधन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अधिनियम पारित किया गया है। ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स', बेतिया राज (प्राधिकरण जो पहले एस्टेट की संपत्तियों का प्रबंधन करता था) के कार्यालय के अनुसार, नौ सितंबर, 2021 को राजस्व बोर्ड के सचिव के समक्ष संपत्तियों का विवरण प्रस्तुत किया गया था, जिसमें संबंधित एस्टेट की बिहार और उत्तर प्रदेश में कुल भूमि 15,358.60 एकड़, जिसकी कीमत 7957.38 करोड़ रुपए है। कुल 15,358.60 एकड़ भूमि में से 15,215.33 एकड़ बिहार में और 143.26 एकड़ उत्तर प्रदेश में है। अधिकारियों के अनुसार, पूर्ववर्ती बेतिया राज के अधीन आने वाली भूमि का एक बड़ा हिस्सा वर्षों से अतिक्रमण का शिकार है। बिहार के जिन जिलों में बेतिया राजकी जमीन स्थित है, उनमें पश्चिमी चंपारण (9758.72 एकड़), पूर्वी चंपारण (5320.51 एकड़), गोपालगंज (35.58 एकड़), सीवान (7.29 एकड़), पटना (4.81 एकड़), सारण (88.41 एकड़) शामिल हैं। ठीक इसी तरह, उत्तर प्रदेश के जिन शहरों में बेतिया रात की जमीन स्थित है, उनमें कुशीनगर (61.16 एकड़), महाराजगंज (7.53 एकड़), वाराणसी (10.13 एकड़), गोरखपुर (50.92 एकड़), बस्ती (6.21 एकड़), प्रयागराज (4.54 एकड़), अयोध्या (1.86 एकड़)शामिल हैं। 

बेतिया राज के अंतिम राजा हरेंद्र किशोर सिंह की मृत्यु 26 मार्च, 1893 को बिना किसी उत्तराधिकारी के हुई, उनकी दो पत्नियां महारानी शिव रत्ना कुंवर और महारानी जानकी कुंवर थीं। महारानी शिव रत्ना कुंवर राजा हरेंद्र किशोर सिंह की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति की उत्तराधिकारी बनीं लेकिन 24 मार्च, 1896 को उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद महारानी जानकी कुंवर संपत्ति उत्तराधिकारी बनीं। चूंकि यह पाया गया कि महारानी जानकी कुंवर संपत्ति का प्रशासन करने में सक्षम नहीं थीं, इसलिए इसका प्रबंधन ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स' ने अपने हाथ में ले लिया। 

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