Edited By Swati Sharma, Updated: 31 May, 2025 04:27 PM

Bihar Politics: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के आतंकवाद रोधी 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) का सबूत मांगे जाने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने कांग्रेस (Congress) को करारा जवाब दिया। बेगूसराय में संवाददाताओं से बात करते हुए...
Bihar Politics: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के आतंकवाद रोधी 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) का सबूत मांगे जाने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने कांग्रेस (Congress) को करारा जवाब दिया। बेगूसराय में संवाददाताओं से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री सिंह ने कांग्रेस नेताओं और उनके सहयोगियों पर भारत के दुश्मनों के हाथों में खेलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समेत इस देश के कुछ लोग अभी भी 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग का हिस्सा हैं और पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।"
गिरिराज सिंह का कांग्रेस को दो टूक जवाब
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने कहा, "अगर उन्हें सबूत चाहिए तो वे पाकिस्तान जाएं और वहां के प्रधानमंत्री से पूछें। उन्हें वहां सबूत मिल जाएगा - नष्ट हो चुके आतंकी ठिकानों, तबाह हुए एयरबेस और उनकी बैठकों में दिख रही दहशत के रूप में।" उन्होंने आगे दावा किया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के अंदर भारत की जवाबी कार्रवाई में नौ एयरबेस और कई आतंकी लॉन्च पैड मलबे में तब्दील हो गए और पाकिस्तानी नेतृत्व की प्रतिक्रिया ही ऑपरेशन के असर का सबूत है। उन्होंने पूछा, "आज पाकिस्तान में बैठे आतंकी बंद कमरे में मीटिंग कर रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गाली दे रहे हैं। क्या यह ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा किए गए काम का सबूत नहीं है?" पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने सीमा पार जवाबी कार्रवाई की।
बिहार दौरे के दौरान पीएम मोदी ने पुष्टि की कि आतंकियों के ठिकानों को तेज और सटीक हमले में ध्वस्त कर दिया गया। हालांकि, विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं और पारदर्शिता और सबूत की मांग की है। काराकाट (बिक्रमगंज) रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है और अगर आतंकी फिर से हमला करते हैं तो भारत उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगा। केंद्रीय मंत्री सिंह की टिप्पणी भाजपा के सख्त रुख को दर्शाती है, विशेष रूप से बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, क्योंकि वह राष्ट्रीय सुरक्षा पर निर्णायक नेतृत्व की अपनी छवि को मजबूत करना चाहती है।