"जहरीली शराब पीने से अब तक 300 लोगों की मौत", सुशील मोदी ने किया दावा, बोले- इस्तीफा दें नीतीश कुमार

Edited By Ramanjot, Updated: 17 Apr, 2023 10:57 AM

300 poor people have died due to spurious liquor nitish should resign sushil

सुशील मोदी ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से जहरीली शराब पीने की घटनाओं में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि यह हादसा नहीं, दलितों-गरीबों की हत्या का मामला है और इसकी जिम्मेदारी लेकर नीतीश...

पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने प्रदेश में शराबबंदी लागू होने के बाद से जहरीली शराब पीने से अबतक 300 लोगों की मौत होने का दावा किया और इसकी जिम्मेदारी लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा देने की मांग की।

"जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दें नीतीश कुमार" 
सुशील मोदी ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से जहरीली शराब पीने की घटनाओं में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि यह हादसा नहीं, दलितों-गरीबों की हत्या का मामला है और इसकी जिम्मेदारी लेकर नीतीश कुमार को इस्तीफा देना चाहिए। भाजपा सांसद ने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों और उनके आश्रितों के प्रति नीतीश कुमार की कोई सहानुभूति नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्वी चम्पारण में जहरीली शराब से जिनकी मृत्यु हुई, उनके आश्रितों को भी उत्पाद कानून के अनुसार चार-चार लाख रुपए की अनुग्रह राशि मिलनी चाहिए। खजूरबन्ना (गोपालगंज) में जहरीली शराब से मरने वाले 30 लोगों को मुआवजा दिया गया था। 

"जहरीली शराब के जरिये दलित-आदिवासी का हो रहा नरसंहार"
मोदी ने कहा कि जदयू-राजद सहित जिन सात दलों के राज में दो दिन के भीतर जहरीली शराब से दलित-आदिवासी समुदाय के 30 से ज्यादा लोगों की जान गई, वे उत्तर प्रदेश के एक माफिया के गैंगवार में मारे जाने पर आंसू बहा रहे हैं। उन्होंने कहा कि माफिया अतीक और उसके गुर्गों के मारे जाने से उत्तर प्रदेश की जनता खुश है, लेकिन जिन्होंने बिहार में शहाबुद्दीन को माफिया बनाया वे पड़ोसी राज्य के एक दुर्दांत माफिया का मजहब देख कर उसकी मौत पर छाती पीट रहे हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि लालू-राबड़ी राज में मंत्री वृजबिहारी प्रसाद को पुलिस सुरक्षा में रहते हुए अस्पताल परिसर में गोलियों से भून दिया गया था। अजित सरकार, अशोक सिंह सहित आधा दर्जन विधायकों की हत्या भी उसी दौर में हुई लेकिन राजद से मिल कर सत्ता पाने वाले लोग यह सब भूल गए। उन्होंने कहा कि राजद शासन में दलित-पिछड़े हत्या-नरसंहार का शिकार होते थे, आज चाचा-भतीजा राज में जहरीली शराब के जरिये दलित-आदिवासी का नरसंहार हो रहा है। 

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