"कुछ स्कूल में छात्रों की अनुपस्थिति गंभीर चिंता का विषय", बिहार सरकार ने जिलाधिकारियों से कठोर कदम उठाने को कहा

Edited By Ramanjot, Updated: 04 Sep, 2023 09:40 AM

absence of students in some schools is a matter of serious concern government

विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) के के पाठक ने हाल में सभी जिलाधिकारियों को जारी एक संदेश में उन छात्रों पर नजर रखने की भी सिफारिश की है जो निजी विद्यालयों में पढ़ते हैं, लेकिन उन्होंने पाठ्यपुस्तकों एवं वर्दी के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण...

पटना: बिहार शिक्षा विभाग ने कुछ विद्यालयों में छात्रों की कम उपस्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और इससे निपटने के लिए उचित कारण बताए बिना लगातार 15 दिन अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को निष्कासित करने सहित कठोर कदम उठाए जाने का आह्वान किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। 

विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) के के पाठक ने हाल में सभी जिलाधिकारियों को जारी एक संदेश में उन छात्रों पर नजर रखने की भी सिफारिश की है जो निजी विद्यालयों में पढ़ते हैं, लेकिन उन्होंने पाठ्यपुस्तकों एवं वर्दी के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना का लाभ उठाने की खातिर सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है। पत्र में कहा गया है, ‘‘राज्य भर के स्कूल में छात्रों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन लगभग 10 प्रतिशत स्कूल ऐसे हैं जहां छात्रों की उपस्थिति अब भी 50 प्रतिशत से कम है...यह गंभीर चिंता का विषय है।'' इसमें कहा गया है,‘‘इसके लिए संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) के हस्तक्षेप की आवश्यकता है। सभी संबंधित डीईओ को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे पांच स्कूल का चयन करें और छात्रों की उपस्थिति में सुधार के लिए अनुपस्थित छात्रों के माता-पिता से संवाद करें।'' राज्य में 75,309 सरकारी स्कूल हैं।

जिलाधिकारियों को जारी संवद में कहा गया है, ‘‘...जो छात्र बिना किसी उचित कारण के लगातार 15 दिन तक अनुपस्थित रहते हैं, उन्हें स्कूल से निष्कासित कर दिया जाना चाहिए। इसके अलावा सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर नजर रखी जानी चाहिए। अधिकारियों को यह जांच करनी चाहिए कि छात्र एक ही समय में दो विद्यालयों में तो नहीं पढ़ रहे।'' इसमें कहा गया है कि विभाग को शिकायत मिली है कि डीबीटी योजनाओं का लाभ लेने के लिए छात्रों ने सरकारी स्कूल में केवल नामांकन कराया है, जबकि वे पढ़ाई निजी स्कूलों में करते हैं। पत्र में कहा गया है कि कुछ छात्रों के राज्य से बाहर (राजस्थान के कोटा) रहने की भी जानकारी मिली है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘ऐसे छात्रों पर नजर रखी जानी चाहिए और उन छात्रों का नामांकन रद्द किया जाना चाहिए, जो केवल डीबीटी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सरकारी स्कूल में नामांकित हैं।... विभाग छात्रों को सालाना 3,000 करोड़ रुपये का डीबीटी लाभ प्रदान करता है।...'' अधिकारियों ने बताया कि नियमित निरीक्षण के कारण राज्य भर के स्कूल में शिक्षकों और छात्रों की लगभग पूरी उपस्थिति देखी जा रही है, लेकिन इस दौरान स्कूल के बुनियादी ढांचे में कई कमियां सामने आईं। 

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