Edited By Swati Sharma, Updated: 20 Dec, 2024 05:47 PM
दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने बेगूसराय स्थित अग्रणी एग्रीटेक कंपनी "टेक्नोग्राउंड प्राइवेट लिमिटेड" के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं, छात्रों और किसानों को ड्रोन पायलटिंग, सेवा, और रखरखाव में...
पटना: दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने बेगूसराय स्थित अग्रणी एग्रीटेक कंपनी "टेक्नोग्राउंड प्राइवेट लिमिटेड" के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं, छात्रों और किसानों को ड्रोन पायलटिंग, सेवा, और रखरखाव में प्रशिक्षण देकर कृषि प्रथाओं में क्रांति लाना है।
डीसीई में एक आरपीटीओ सेंटर किया जाएगा स्थापित
इस एमओयू के तहत डीसीई में एक आरपीटीओ (रीमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन) सेंटर स्थापित किया जाएगा, जो ड्रोन तकनीक में आधुनिक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल प्रदान करेगा। टेक्नो ग्राउंड कृषि स्प्रेयर ड्रोन के संचालन का प्रशिक्षण देगा, जिसका उपयोग कीटनाशक छिड़काव, मिट्टी और फसल स्वास्थ्य की निगरानी, और उपज की भविष्यवाणी के लिए किया जा सकता है। टेक्नो ग्राउंड का उद्देश्य एक ओला आधारित सेवा मॉडल तैयार करना है, जिससे किसान अपनी कृषि सेवाओं के लिए टेक्नो ग्राउंड एप्लिकेशन के माध्यम से ड्रोन सेवाओं को बुक कर सकें। यह पहल किसानों को केवल लाभार्थी के रूप में नहीं, बल्कि टेक्नो ग्राउंड के भागीदार के रूप में काम करने का अवसर प्रदान करेगी। यह परियोजना कृषि क्षेत्र में लाइसेंस प्राप्त ड्रोन पायलटों की एक नई पीढ़ी तैयार करने और इंजीनियरिंग छात्रों, ग्रामीण युवाओं, और किसानों को रोजगार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य रखती है।
टेक्नो ग्राउंड प्रशिक्षण कार्यक्रमों का करेगा संचालन
टेक्नो ग्राउंड प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करेगा, ड्रोन और आवश्यक उपकरण प्रदान करेगा। इसके सहयोग से ग्रामीण युवाओं और छात्रों को महत्वपूर्ण कौशल प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी। डीसीई और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों को मुफ्त इंटरर्नशिप और रियायती दरों पर ड्रोन पायलट लाइसेंस प्राप्त होंगे।