Edited By Mamta Yadav, Updated: 25 Dec, 2024 02:05 AM
बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने चिंता जाहिर की है कि पटना सहित राज्य के अधिकांश शहरों में वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गई है। डॉ. कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को बिहार राज्य...
Patna News: बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने चिंता जाहिर की है कि पटना सहित राज्य के अधिकांश शहरों में वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गई है। डॉ. कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् से सम्बन्धित विषयों पर समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गयी। इस अवसर पर डा. कुमार ने बताया कि पटना सहित राज्य के अधिकांश शहरों में वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या विषय बन गया है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् की ओर से प्रदूषण पर नियंत्रण के लिये आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
बैठक में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक - सह - मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक / अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, कार्य नियोजना प्रशिक्षण एवं विस्तार / मुख्य वन संरक्षक (अनुश्रवण एवं मूल्यांकन) / मुख्य वन संरक्षक, संयुक्त वन प्रबंधन/वन संरक्षक, वन्यप्राणी अंचल / सदस्य सचिव, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, पटना तथा सचिवालय की ओर से संयुक्त सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार / मंत्री के आप्त सचिव एवं विडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक / वन संरक्षक / वन प्रमण्डल पदाधिकारियों द्वारा भाग लिया गया।
पटना गंगा के तट पर बसे शहर के उत्तरी क्षेत्र का लंबा किनारा बालू से भरा है। पटना के गंगा तट की मट्टी हल्की होती है, जिस कारण हवा चलने पर पूरा वातावरण धूलकण से भर जाता है। शीतकाल के दिनों में नमी ज्यादा होने के कारण वातावरण में धूलकण एक लेयर बन जाता है, जिस कारण वायु प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ जाती है तथा मौसम का बदलाव होते ही वायु गुणवत्ता में सुधार आ जाती है। बिहार में दिसंबर से लेकर जनवरी तक वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी रहती है तथा फरवरी में जैसे ही हवा की गति तेज होती है धूलकण एवं नमी का लेयर टूट जाता है और वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार आ जाती है। दिसंबर एवं जनवरी में वर्षा होने पर वायु प्रदूषण में काफी कमी आ जाती है।
राज्य के औद्योगिक इकाइयों में कोयले, फर्निश ऑयल एवं लकड़ी (हस्क प्रिलेट को छोड़कर) के प्रयोग पर रोक लगा दी गई है तथा सभी इकाइयों के लिए सीएनजी / पीएनजी/ एलएनजी अनिवार्य कर दिया गया है, जहां पीएनजी की पाइपलाइन पहुँच गयी है। वर्तमान में कुछ औद्योगिक इकाइयों द्वारा पीएनजी / सीएनजी का उपयोग किया जा रहा है। कुछ निर्माण एजेंसियों के खिलाफ प्रदूषण फैलाने की शिकायत मिली है, जिसकी जांच भी की गई है तथा कई निर्माण एजेंसियों पर जुर्माना भी लगाया गया है। प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अलावा पटना नगर निगम की ओर से भी जांच कर जुर्माना लगाया जा रहा है। पटना नगर निगम की ओर से 5 हजार से अधिक एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन एजेंसियों से 10 लाख से अधिक जुर्माना वसूला गया है। • राजधानी में वाहनों से फैलने वाले प्रदूषण की स्थिति अत्यंत सूक्ष्म है। यहां पर सबसे ज्यादा 15 वर्ष से अधिक वाले टेंपो एवं पुरानी बसों से प्रदूषण फैलता था। वर्तमान में टेंपो और बसों का परिचलन सीएनजी के माध्यम से किया जा रहा हैं। मात्र स्कूली वाहन ही डीजल के माध्यम से चल रहे हैं, उन्हें भी सीएनजी में बदलने की कार्रवाई की जा रही है।
राजधानी की सड़कों पर पड़े धूलकण पर नियंत्रण के लिए नगर निगम की ओर से टैंकरों से शहर में सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। पराली जलाने से रोकथाम के क्रम में 192 किसानों को दिये जा रहे विभिन्न प्रकार के अनुदान से वंचित किया गया है। मंत्री द्वारा बताया गया कि वायु प्रदूषण / जल प्रदूषण / ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। बिहार में वायु प्रदूषण का 70 प्रतिशत हिस्सा मौसम आधारित है तथा 30 प्रतिशत मानव जनित प्रदूषण है। मौसम आधारित प्रदूषण को नियंत्रित करना मुश्किल है, परंतु मानव जनित प्रदूषण को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। मानव जनित प्रदूषण मिश्रित है, इसमें वाहन प्रदूषण, फैक्ट्रियों से निकला धुआं, कूड़ा जलाने से फैलने वाला प्रदूषण एवं घरों में जलने वाले गैस भी शामिल है। मानव जनित प्रदूषण नियंत्रित करने में सफलता मिली है। प्रदूषण फैलाने वाली निर्माण एजेंसियों के खिलाफ जुर्माना लगाने सहित अन्य कार्रवाई की जा रही है।
मंत्री द्वारा निर्देश दिया गया कि राज्य में चल रहे अवैध ईंट भट्ठे की सूची तैयार कर संबंधित जिला पदाधिकारी को उपलब्ध कराते हुये उनपर तत्काल प्रतिबंध / कार्रवाई किया जाय। सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से रोक लगाने हेतु संबंधित नगर ईकाई को निर्देश दिया जाय। समाचार पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से आम-जनों को पर्यावरण सुदृदीकरण हेतु जागरूक किया जाय। इस संबंध में विभाग द्वारा जारी किया गया हेल्पलाईन सं0-7070379278 पर आम-जन अपने आस-पास हो रहे प्रदूषण की सूचना दे सकते हैं। हैंड बिल / होर्डिंग / विज्ञापन के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जाय।
प्रेम कुमार द्वारा बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् द्वारा प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण की दिषा में किये गये प्रयास की सराहना की गयी एवं लंबित कार्यों को ससमय पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया। साथ ही राज्य के मुख्य शहरों यथा-पटना, गया एवं मुजफ्फरपुर के वायु गुणवत्ता सूचकांक का लगातार अनुश्रवण कराते हुये मानक अनुरूप रखने हेतु सभी आवश्यक कार्य करने का निर्देश दिया गया।