"शिक्षक भर्ती नियमावली में किए गए संशोधन नहीं बदले जाएंगे", बिहार सरकार ने किया स्पष्ट

Edited By Ramanjot, Updated: 04 Jul, 2023 11:07 AM

amendments in teacher recruitment rules will not be changed

राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शिक्षक नियुक्ति में सिर्फ बिहार के लोगों को मौका देना असंवैधानिक होगा, इसलिए शिक्षक नियुक्ति नियमावली में किए गए संशोधन में कोई...

पटना: बिहार सरकार ने आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों की मांग को दरकिनार करते हुए स्पष्ट कर दिया कि शिक्षक भर्ती नियमावली में किए गए संशोधन को नहीं बदला जाएगा और देश के सभी प्रदेश के अभ्यर्थियों को भर्ती परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा। 

"संशोधन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा"
राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शिक्षक नियुक्ति में सिर्फ बिहार के लोगों को मौका देना असंवैधानिक होगा, इसलिए शिक्षक नियुक्ति नियमावली में किए गए संशोधन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। उन्होंने संविधान के आर्टिकल 16 का हवाला देते हुए कहा कि जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर कोई अभ्यर्थी चयन के लिए अपात्र नहीं हो सकता है। कोई भी चयन योग्यता के आधार पर होता है। 

दूसरे प्रदेश के अभ्यर्थियों को भी मिलेगा मौका 
सुबहानी ने कहा कि इससे पहले तीन बार राज्य में वर्ष 1994, 1999 और 2000 में शिक्षक नियुक्ति की परीक्षा ली गई थी और उस समय भी यही नियम था कि देश का कोई भी नागरिक इस परीक्षा में शामिल हो सकता है। शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में दूसरे प्रदेश के लोग शामिल होंगे तो यह राज्य के लिए भी अच्छा होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरक्षण का लाभ सिर्फ राज्य के निवासियों को ही मिलेगा दूसरे प्रदेश के अभ्यर्थियों को नहीं।

इस मौके पर पाठक ने कहा कि इसी तरह डोमिसाइल मामले को लेकर झारखंड की सरकार भी सर्वोच्च न्यायालय गई थी लेकिन वहां वह हार गई और अब झारखंड में भी दूसरे प्रदेश के अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया में शामिल होने का मौका दिया जाता है। 

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