Edited By Ramanjot, Updated: 19 Nov, 2022 01:23 PM

सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक आनंद चंद्र गोरई को ओडिशा के भुवनेश्वर से गिरफ्तार करने के बाद ट्रांजिट रिमांड के आधार पर पटना व्यवहार न्यायालय स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश मोतीश कुमार सिंह की अदालत में पेश किया था, जहां आरोपित को...
पटनाः बिहार के भागलपुर में हुए करोड़ों रुपए के सृजन घोटाला के एक मामले में पटना स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने बैंक के एक तत्कालीन शाखा प्रबंधक को न्यायिक हिरासत में लेने के बाद जेल भेजने का आदेश दिया।
सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक आनंद चंद्र गोरई को ओडिशा के भुवनेश्वर से गिरफ्तार करने के बाद ट्रांजिट रिमांड के आधार पर पटना व्यवहार न्यायालय स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश मोतीश कुमार सिंह की अदालत में पेश किया था, जहां आरोपित को न्यायिक हिरासत में लेने के बाद अदालत ने 02 दिसंबर 2022 तक के लिए जेल भेजने का आदेश दिया।
मामला भागलपुर के महिला सशक्तिकरण एवं सुद्दढ़ीकरण की अलग-अलग सरकारी योजनाओं की करोड़ों रुपयों की राशि का एक अपराधिक षड्यंत्र के तहत बैंक कर्मियों की मिलीभगत से सृजन नामक स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से धोखाधड़ी एवं जालसाजीपूर्वक गबन करने का है। प्रस्तुत मामले में भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी के. पी. रमैया के हस्ताक्षर से रिजर्व बैंक की अनुमति लिए बिना बैंक खाते खोले गए और फिर उन खातों के माध्यम से सृजन संस्था के खाते में करोड़ों रुपए ट्रांसफर किए गए।
इस मामले में सीबीआई ने प्राथमिकी 14 ए/2017 के रूप में दर्ज करने के बाद 28 लोगों के खिलाफ 18 मार्च 2020 को आरोप पत्र दायर किया था। सम्मन के बावजूद अदालत में हाजिर नहीं होने के कारण रमैया समेत 10 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया था। वर्तमान में के. पी. रमैया समेत सात आरोपित फरार चल रहे हैं।