Edited By Ramanjot, Updated: 20 May, 2025 05:45 PM

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संभावित बाढ़ और सुखाड़ की आशंका को देखते हुए मंगलवार को मुख्य सचिवालय स्थित सभाकक्ष में सभी जिलों के अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा की।
पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संभावित बाढ़ और सुखाड़ की आशंका को देखते हुए मंगलवार को मुख्य सचिवालय स्थित सभाकक्ष में सभी जिलों के अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा की। इस उच्चस्तरीय बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए राज्य के सभी जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक जुड़े रहे। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि मई के अंत तक सभी ज़रूरी व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएं।
जून में सामान्य से कम बारिश की संभावना, अलर्ट मोड पर रहें सभी अधिकारी
विकास आयुक्त और आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने जानकारी दी कि जून में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है, जबकि जुलाई से सितंबर के बीच सामान्य बारिश की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि SOP के तहत राहत, बचाव और पुनर्वास की सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। नाव संचालन, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री, दवाइयां, पशुचारा, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन और फूड पैकेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
बाढ़ पीड़ितों को मिलेगा पूरा सहयोग, सामुदायिक रसोई की हुई सराहना

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि "राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है।" उन्होंने कहा कि आपदा के समय हरसंभव सहायता दी जाएगी। सामुदायिक रसोई के संचालन की देशभर में सराहना हो रही है और यह व्यवस्था इस बार और बेहतर होनी चाहिए।
तटबंधों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधा की मुकम्मल तैयारी का निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत समय से हो और नदियों के तटबंधों की मजबूती सुनिश्चित की जाए। बाढ़ के दौरान लोगों के इलाज के लिए समुचित इंतजाम हों। शुद्ध पेयजल, पशुचारा, राहत शिविर और फसल क्षति के आकलन की पूरी व्यवस्था पहले से सुनिश्चित कर ली जाए।
इतिहास की घटनाएं भी रहीं चर्चा में

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 से पहले आपदा प्रबंधन की स्थिति काफी कमजोर थी, लेकिन उनकी सरकार के आने के बाद इस क्षेत्र में ठोस सुधार हुए। उन्होंने 2007 की बाढ़ और 2008 की कोसी त्रासदी का ज़िक्र करते हुए बताया कि किस तरह से तत्काल राहत पहुंचाई गई थी। उन्होंने कहा कि 2016 से बाढ़ पीड़ित परिवारों को 6 हजार रुपये की सहायता राशि दी जा रही थी, जिसे 2023 में बढ़ाकर 7 हजार कर दिया गया। मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान दिया जा रहा है।
सभी प्रभारी मंत्री और सचिव जिलों का दौरा करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम के मिजाज को देखते हुए अधिकारी हर स्तर पर सतर्कता बरतें। सभी जिलों के प्रभारी मंत्री और सचिव ज़मीनी हालात का आकलन करें और जून के पहले सप्ताह तक तैयारियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
बैठक में कई वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी रहे मौजूद

बैठक में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, योजना मंत्री बिजेंद्र यादव, आपदा प्रबंधन मंत्री विजय कुमार मंडल समेत कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सभी जिलों के अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
