हर्ष फायरिंग पर एक्टिव मोड में बिहार पुलिस, 6 महीनों में 50 प्रतिशत मामले दर्ज

Edited By Nitika, Updated: 24 Jul, 2024 10:15 AM

bihar police in active mode on harsh firing

शादी विवाह समेत अन्य शुभ अवसरों पर लोगों द्वारा हर्ष फायरिंग की खबरें अक्सर देखने को मिल जाती है। हवा में फायरिंग कर जश्‍न मनाने के उत्साह में अचानक चली गोली, कभी किसी की मौत की वजह तो कभी किसी के घायल होने का कारण बन जाती है। बिहार समेत पूरे देश...

पटना: शादी विवाह समेत अन्य शुभ अवसरों पर लोगों द्वारा हर्ष फायरिंग की खबरें अक्सर देखने को मिल जाती है। हवा में फायरिंग कर जश्‍न मनाने के उत्साह में अचानक चली गोली, कभी किसी की मौत की वजह तो कभी किसी के घायल होने का कारण बन जाती है। बिहार समेत पूरे देश में हर्ष फायरिंग बड़ी समस्या है। वहीं अब बिहार पुलिस द्वारा हर्ष फायरिंग की घटनाओं के विरुद्ध उठाए गए कड़े कदम की वजह से   6 महीनों में 50 फीसदी मामले ही दर्ज हुए है।

हर्ष फायरिंग करने पर सजा का प्रावधान
हर्ष फायरिंग, हवाई फायरिंग और हथियार प्रदर्शन की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी और इससे होने वाले नुकसान को काबू करने के लिए शस्त्र (संशोधन) अधिनियम 2019 लाया गया। इस अधिनियम के तहत ऐसा काम करने वाले लोगों को दो साल की जेल, 1 लाख रुपए तक का जुर्माना या फिर कारावास की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

हर्ष फायरिंग पर रोक लगाने के लिए पुलिस की सक्रियता
हर्ष फायरिंग पर रोक लगाने के लिए पुलिस सक्रिय हो चुकी है। बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा हर्ष फायरिंग की घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए, जून 2023 में स्थायी आदेश के ज़रिए सभी जिलों को ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए है। पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों को प्रत्येक थाना क्षेत्र के सभी शस्त्र लाइसेंस के साथ-साथ शस्त्र लाइसेंस धारकों और रिटेनर का नियमित रूप से वार्षिक सत्यापन (वेरिफिकेशन) करने का निर्देश दिया गया। वैवाहिक, सांस्कृतिक, आर्केस्ट्रा और इस प्रकार के अन्य कार्यक्रमों के आयोजन से जुड़ी जानकारी आयोजकों द्वारा पहले से ही थाने में सूचना दी जाए। साथ ही इन जगहों पर CCTV कैमरे की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि हर गतिविधि पर जानकारी रखी जा सके। शादी-विवाह समारोह स्थल, मैरेज हॉल, कम्युनिटी सेंटर, होटल के मैनेजर और मालिकों को कार्यक्रम स्थल पर हर्ष फायरिंग के मामले में होने वाली कानूनी कार्रवाई से जुड़ी जानकारी नोटिस के रूप में लगाने के लिए निर्देशित किया गया। सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि वैसे समारोह जिनमें हर्ष फायरिंग की आशंका हो, उसकी सूचना पूर्व में ही चौकीदारों द्वारा मिल जानी चाहिए। जहां पर पहले से ही हर्ष फायरिंग से कोई घटना होने की आशंका हो, वहां पर पुलिस बल को तैनात करने के साथ-साथ कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराने के लिए निर्देश दिया गया है। इसके अलावा उन जगहों पर धारा-144 के अंतर्गत हथियारों के रखने या ले जाने पर भी रोक लगाई गई है।

मामलों में आई  गिरावट
बिहार पुलिस मुख्यालय को जिलों से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, 2024 की पहले पांच महीने यानि जनवरी से मई तक राज्य में हर्ष फायरिंग के 33 मामले दर्ज हुए हैं। यह मामले 15 पुलिस जिलों में दर्ज हुए। 44 में से शेष 29 पुलिस जिलों से हर्ष फायरिंग का एक भी मामला सामने नहीं आया। बिहार में जून 2022 से मई 2023 के बीच हर्ष फायरिंग में होने वाली मृत्यु और घायलों की संख्या 58 थी, जबकि जून 2023 से मई 2024 के बीच इसकी संख्या 29 रह गई। इस प्रकार मृतकों और घायलों की संख्या में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!