Edited By Ramanjot, Updated: 16 Jul, 2023 11:12 AM

टीम ने 13 जुलाई को पुलिस कार्रवाई में घायल हुए और अस्पतालों में उपचार करा रहे पार्टी के कई कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। टीम के सदस्यों में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास और सांसद मनोज तिवारी, सुनीता दुग्गल व विष्णु दयाल राम भी शामिल हैं।...
पटना: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि पिछले दिनों उसके ‘विधानसभा मार्च' के दौरान “राज्य प्रायोजित और क्रूर” पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच होनी चाहिए और इसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा द्वारा गठित चार सदस्यीय तथ्यान्वेषी टीम ने यहां यह बात कही।
भाजपा के 771 कार्यकर्ता हुए घायल: तिवारी
टीम ने 13 जुलाई को पुलिस कार्रवाई में घायल हुए और अस्पतालों में उपचार करा रहे पार्टी के कई कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। टीम के सदस्यों में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास और सांसद मनोज तिवारी, सुनीता दुग्गल व विष्णु दयाल राम भी शामिल हैं। दिल्ली से लोकसभा सदस्य और बिहार से संबंध रखने वाले तिवारी ने दावा किया कि घटना में "भाजपा के 771 कार्यकर्ता" घायल हुए और "उनमें से कुछ को अस्पतालों तक खदेड़ा गया और परिसर के अंदर पीटा गया।” तिवारी ने कहा, ‘‘भाजपा कार्यकर्ताओं पर राज्य पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई पूर्व नियोजित थी। डाकबंगला चौक पर गुरुवार को लाठीचार्ज के तुरंत बाद राजद (राष्ट्रीय जनता दल) नेता और राज्य के मंत्री जीतेंद्र कुमार राय ने ट्वीट कर पुलिस की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि हिसाब चुकता हो गया है। इससे पता चलता है कि पुलिस की कार्रवाई पूर्व नियोजित थी। इसलिए, हम इस घटना की किसी मौजूदा न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग करते हैं।''
दुग्गल ने आरोप लगाया कि गुरुवार को जब पार्टी नीतीश कुमार सरकार की शिक्षक भर्ती नीति के विरोध में "विधानसभा मार्च" कर रही थी, तभी पुरुष पुलिसकर्मियों ने भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं की छाती और सिर पर डंडे मारे। भाजपा की टीम के सदस्यों ने आरोप लगाया कि इस घटना ने उन्हें "जलियांवाला बाग नरसंहार" की याद दिला दी। उन्होंने कहा, "हम अपनी जांच पर एक रिपोर्ट (भाजपा के) राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपेंगे और न्यायिक जांच की पुरजोर सिफारिश करेंगे।"