BPSC Protest: "जन सुराज शब्द हम नहीं सुनना चाहते", BPSC अभ्यर्थियों ने प्रशांत किशोर की पार्टी को दी नसीहत

Edited By Swati Sharma, Updated: 26 Dec, 2024 11:22 AM

bpsc candidates gave advice to prashant kishore s party

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (पीएससी) के प्रश्नपत्र लीक होने का दावा करने वाले अभ्यर्थियों ने परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर बुधवार को पटना में विरोध-प्रदर्शन किया। पटना के वरिष्ठ पुलिस...

पटना(अभिषेक कुमार सिंह): बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (पीएससी) के प्रश्नपत्र लीक होने का दावा करने वाले अभ्यर्थियों ने परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर बुधवार को पटना में विरोध-प्रदर्शन किया। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजीव मिश्रा ने बताया कि पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों पर उस समय लाठीचार्ज करना पड़ा, जब उनमें से कुछ बैरिकेड तोड़कर बीपीएससी कार्यालय तक पहुंच गए और यातायात बाधित किया। वहीं, बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के समर्थन में अब राजनीतिक दलों की एंट्री शुरू हो गई है। पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए थे। उसके बाद सांसद पप्पू यादव ने अभ्यर्थियों के समर्थन में आए थे। अब लाठीचार्ज के बाद जन सुराज पार्टी भी अभ्यर्थियों के समर्थन में आ गई है।

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जन सुराज शब्द हम नहीं सुनना चाहते: छात्र
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती बुधवार की देर रात धरने पर बैठे छात्रों के समर्थन में पहुंचे। मनोज भारती के पहुंचने पर छात्रों ने कहा कि पिछले 8 दिनों से हम लोग इस प्रदर्शन में शामिल हैं। अगर आप एक अभिभावक के रूप में आए हैं तो आपका स्वागत है। अगर राजनीतिक दल के रूप में आएं है तो हम लोग किसी का स्वागत नहीं करते हैं। जन सुराज शब्द हम नहीं सुनना चाहते हैं। आप बोलिए हम आपके परिवार के बच्चे हैं।

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जो छात्रों के साथ हो रहा है, वो बहुत बड़ी ज्यादती: मनोज भारती
वहीं, छात्रों से मिलने के बाद मनोज भारती ने कहा कि हम जानते है कि जो छात्रों के साथ हो रहा है, वो बहुत बड़ी ज्यादती हैं। हमारे युवा वर्ग के साथ खिलवाड़ करना और परीक्षा को पारदर्शी नहीं बनाना ये बहुत बड़ी नाइंसाफी है। जो विद्यार्थी इसकी मार में मरते जा रहे हैं, उसके प्रति सरकार को संवेदनशील होने की ज़रूरत है। हमारी गुजारिश है सरकार से एक बुद्धिजीवी वर्ग की ओर से कि सरकार इनकी सभी मांगो को जल्दी माने और इस आंदोलन को हटाने की व्यवस्था करें। इनकी सारी मांगे जायज है।

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