संभावित बाढ़ एवं जलजमाव से निपटने हेतु तैयारियों की DM ने की समीक्षा, कहा- जिला प्रशासन पूर्णत तैयार

Edited By Swati Sharma, Updated: 22 May, 2023 04:29 PM

dm reviewed preparations to deal with possible flood and water logging

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि आपदा की स्थिति में सामान्य जन-जीवन प्रभावित न हो यह सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को मिशन मोड में काम करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान वे...

पटनाः पटना जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशंखर सिंह ने कहा कि संभावित बाढ़ एवं जल-जमाव से निपटने हेतु जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार जिला स्तर पर सभी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ आने की स्थिति में प्रभावितों के जान-माल की सुरक्षा एवं ससमय राहत पहुंचाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। एसओपी के अनुसार क्षेत्रीय पदाधिकारी यथा अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी तथा अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तुरंत रिस्पॉन्ड करेंगे। 

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"सामान्य जन-जीवन प्रभावित न हो ये सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध" 
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि आपदा की स्थिति में सामान्य जन-जीवन प्रभावित न हो यह सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को मिशन मोड में काम करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान वे बाढ़ पूर्व तैयारियों एवं व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। संभावित बाढ़ की स्थिति में प्रभावित परिवारों के बीच वितरण हेतु राहत सामग्रियों एवं अन्य सामग्रियों तथा नाव के दर का निर्धारण कर लिया गया है। पॉलीथिन शीट्स का दर निर्धारण भी पूर्व में ही कर लिया गया है। जिला में बाढ़ से निपटने हेतु 56 प्रकार की सभी आवश्यक दवा पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है। पशु चिकित्सालयों में 42 प्रकार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। 

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गौरतलब है कि पटना जिले में पालीगंज अनुमण्डल को छोड़कर शेष 05 अनुमण्डलों में कई क्षेत्र बाढ़ प्रवण है। बाढ़ प्रवण पंचायतों की संख्या 108 एवं बाढ़ प्रवण प्रखंडों की संख्या 20 है। आकलन के अनुसार लगभग 4,39,574 की आबादी सम्भाव्य बाढ़ की स्थिति में प्रभावित हो सकती है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि गंगा के दियारा क्षेत्रों में मनेर से मोकामा तक तथा मसौढ़ी एवं पटना सिटी में पुनपुन नदी तथा दरधा नदी के क्षेत्रों में बाढ़ आने की संभावना रहती है। अत्यधिक मॉनसूनी वर्षा की स्थिति में तथा गंगा, सोन एवं पुनपुन नदियों के जल-स्तर में एक साथ असामान्य वृद्धि से बाढ़ की स्थिति बन जाती है। जब गंगा एवं पुनपुन दोनों नदी का जल स्तर अत्यधिक रहता है तो अतिवृष्टि की स्थिति में शहरी क्षेत्रों से नदियों के माध्यम से जल प्रवाह नहीं हो पाने पर जल-जमाव हो जाता है। ऐसी स्थिति वर्ष 2019 में आयी थी जब पटना शहर में जल-जमाव हो गया था। 

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"सम्प हाउस के इन्लेट-आउटलेट का लगातार अनुश्रवण करें"
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि इसकी पुनरावृति रोकने के लिए हम सबको सजग रहना होगा। उन्होंने कहा कि वरीय पदाधिकारियों की टीम द्वारा नौ प्रमुख नालों की जांच करायी गई थी। अनुमंडल पदाधिकारी मॉनसून पूर्व सभी नालों की सम्पूर्ण सफाई की मॉनिटरिंग करें। नालों को अतिक्रमणमुक्त रखें सभी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन को तैयार रखना होगा। सम्प हाउस के इन्लेट-आउटलेट का लगातार अनुश्रवण करें। सभी डीपीएस पर पम्प कार्यरत रहना चाहिए। कोई भी यांत्रिक या विद्युत त्रुटि नहीं रहनी चाहिए। विद्युत आपूर्ति निर्वाध होनी चाहिए। डीजल पम्पसेट एवं मोबाईल पम्पसेट की समुचित व्यवस्था रखें।

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