Edited By Swati Sharma, Updated: 23 Dec, 2025 04:45 PM

Buxar News: बक्सर की विशेष पॉक्सो अदालत ने नाबालिग लड़की के अपहरण, अवैध हिरासत और सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में पांच दोषियों को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जिला एवं अपर सत्र यह फैसला न्यायाधीश-सह-विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) अमित कुमार शर्मा...
Buxar News: बक्सर की विशेष पॉक्सो अदालत ने नाबालिग लड़की के अपहरण, अवैध हिरासत और सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में पांच दोषियों को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जिला एवं अपर सत्र यह फैसला न्यायाधीश-सह-विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) अमित कुमार शर्मा ने पॉक्सो वाद संख्या 43/2024 की सुनवाई के बाद सुनाया। यह मामला इटाढ़ी थाना कांड संख्या 280/2023 से संबंधित है।
घर से लापता हो गई थी पीड़िता
अभियोजन के अनुसार, 19 दिसंबर 2023 को पीड़िता (लगभग 15 वर्ष) घर से लापता हो गई थी। पीड़िता की माता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में आशंका जताई गई थी कि उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर अगवा किया गया था। इस जांच के दौरान पता चला कि नाबालिग को अपहरण के बाद अवैध रूप से बंदी बनाकर उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया। लंबी सुनवाई और साक्ष्यों के मूल्यांकन के बाद अदालत ने शिव बिलास राम उर्फ टेलर मास्टर, राहुल कुमार, विनय कुमार उर्फ बिल्लई, गोविंद सिंह उर्फ शंकर जी एवं रौशन कुमार सिंह को दोषी करार दिया। अदालत ने दोषियों को पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 366 (ए), 342 एवं 120 (बी) के तहत भी सजा दी गई है। अदालत ने निर्देश दिया कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी तथा हिरासत में बिताई गई अवधि का लाभ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 428 के तहत दिया जाएगा। पीड़िता की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को देखते हुए अदालत ने बिहार पीड़ित मुआवजा योजना, 2019 के अंतर्गत 15 लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया।
30 दिनों के भीतर मुआवजा भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश
अदालत ने कहा कि दोषियों पर लगाए गए जुर्माने की राशि पीड़िता के पुनर्वास के लिए अपर्याप्त है। मुआवजे की राशि तीन वर्षों के लिए सावधि जमा में रखी जाएगी, इस दौरान पीड़िता मासिक ब्याज निकाल सकेगी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA), बक्सर को 30 दिनों के भीतर मुआवजा भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। अदालत ने आदेश दिया कि फैसले की प्रति दोषियों को नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाए तथा अनुपालन हेतु डीएलएसए को भी भेजी जाए।