बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से बिहार में बाढ़ का संकट, जल संसाधन विभाग ने जारी किया निर्देश

Edited By Ramkesh, Updated: 29 Sep, 2024 08:21 PM

flood threat in bihar due to release of huge amount of water from

नेपाल प्रभाग में निरंतर वर्षापात के बाद बिहार की सभी नदियां उफान पर हैं। इसे लेकर बिहार सरकार और जल संसाधन विभाग ने प्रदेश के उत्तरी, दक्षिणी और मध्य भागों में बाढ़ को लेकर चेतावनी जारी की गई है। प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक नेपाल प्रभाग में निरंतर...

पटना: नेपाल प्रभाग में निरंतर वर्षापात के बाद बिहार की सभी नदियां उफान पर हैं। इसे लेकर बिहार सरकार और जल संसाधन विभाग ने प्रदेश के उत्तरी, दक्षिणी और मध्य भागों में बाढ़ को लेकर चेतावनी जारी की गई है। प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक नेपाल प्रभाग में निरंतर वर्षापात जारी है, जिसके फलस्वरूप नेपाल प्रभाग से उद्गमित होने वाली गंडक, कोशी, महानंदा, बागमती आदि नदियों में इस मानसून के अधिकतम जलस्तर दर्ज किया गया है।

10:00 बजे गंडक बराज, वाल्मीकिनगर से 5.62 लाख क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है, जो इस वर्ष दिनांक 07.07.2024 की प्रवाहित जलश्राव 4.40 लाख क्यूसेक से 1.22 लाख क्यूसेक अधिक है। फलस्वरूप छतौनी घाट एवं बगहा गेज स्टेशनों पर दिनांक 29.09.2024 को क्रमशः 94.00 मी० एवं 90.90 मी० का नया उच्चतम जलस्तर दर्ज किया गया है, जो पूर्व के उच्चतम जलस्तर से क्रमशः 0.80 मी० एवं 0.42 मी० अधिक है।

गंडक नदी के अत्यधिक दबाव के कारण दिनांक शाम 5:00 बजे पश्चिम चम्पारण जिलान्तर्गत मंढक एवं कोशी नदियों के निम्न प्रवाह क्षेत्र से अधिकतम जल प्रवाहित हो रहा है. जिसके फलस्वरूप निम्न प्रवाह क्षेत्रों में जनस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। गंडक एवं कोशी नदियों के तटयों पर की जा रही गश्ती के क्रम में कतिपय स्थत्ते पर सीपेज/पाईविंग को चिन्हित कर एवं अन्य स्थलों पर आवश्यकतानुसार बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराते हुए स्थलों को सुरक्षित रखा जा रहा है।

नेपाल प्रभाग के जलग्रहण क्षेत्र में वर्षापात के फलस्वरूप बागमती नदी पर नेपाल में अवस्थित तटबंध को क्षतिग्रस्त हुआ जिससे नेपाल में पानी का फैलाव हुआ है। फिर भी दिनांक को सीतामढ़ी जिलान्तर्गत तुष्पी प्रखंड ने बागमती नदी पर अवस्थित देस मेज स्टेशन पर नया उच्चतम जलस्तर 73.35 मी० दर्ज किया गया है जो पूर्व के उत्तम जलस्तर से 35 गौ ऊपर है।

बागमती नदी के जलबाद एवं जलसार दिनांक 27.09.2024 से ही सभी क्षेत्रीय अभियंता तटबंधी / संरवनाओं के सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील / अतिसंवेदनशील स्थलों पर कैम्प कर रहे है। तभी स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में बाढ़ संधर्थात्मक सामग्रियों का भंडारण कराया गया है। तटबंध के प्रत्येक कि०मी० पर तटबंध श्रमिकों की प्रतिनियु की गई है। साथ ही आवश्यकतानुसार संवेदनशील / अतिसंवेदनशील स्थलों के बेहतर चर्यवेक्षण हेतु 07 कनीय अभियंताओं 2 सहायक अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है।

आपदा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए दिनांक 26.09.2004 से विभागीय के पदाधिकारी के प्रभार में 24 घंटे एवं 03 पाली में आगामी 12 घंटे के लिये कार्यरत है। स्तर पर प्रधान सचिव जल संसाधन विभाग के नियंत्रणाधीन एवं अभियंता प्रमुख स्तर संभावित आपदा की स्थिति के नजर दिनांक 27-28 सितम्बर 2014 को ही संबंधित जिला प्रशासन को सभी आवश्यकताली कार्रवाई करने के नदी भाग में आवासितों को अवगत कराते हुए कार्रवाई करने एवं बाढ़ आपदा के लिए जिला प्रशासन के सारसे मस्ती सुनिश्चित कराने हेतु निदेशित किया गया है। 

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