Edited By Ramanjot, Updated: 14 Apr, 2023 10:23 AM

बैठक में बिहार के विश्वविद्यालयों में सत्र 2023-2027 से चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। पाठ्यक्रम की संरचना एवं प्रथम वर्ष के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कमेटी गठित करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में निर्णय...
पटनाः बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में सत्र 2023-27 से ही चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम लागू होगा। बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने गुरुवार को यहां राज्य के विश्वविद्यालयों में पसंद आधारित क्रेडिम प्रणाली (सीबीसीएस) एवं सेमेस्टर प्रणाली के आधार पर चार वर्षीय स्नातक की पढ़ाई प्रारंभ करने के संबंध में राजभवन में सभी कुलपतियों एवं शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
राजभवन द्वारा किया जाएगा टाईम लाइन का निर्धारण
बैठक में बिहार के विश्वविद्यालयों में सत्र 2023-2027 से चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। पाठ्यक्रम की संरचना एवं प्रथम वर्ष के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कमेटी गठित करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस सत्र में विश्वविद्यालय स्तर पर ही नामांकन होगा लेकिन सभी विश्वविद्यालयों को एक ही समय पर सभी संबंधित कार्य सम्पन्न करने होंगे। इसके लिए टाईम लाइन का निर्धारण राजभवन द्वारा किया जाएगा। अगले सत्र से नामांकन की केन्द्रीकृत प्रक्रिया अपनाई जाएगी। बैठक में एकेडमिक कैलेंडर बनाने का निर्णय लिया गया एवं आधारभूत संरचना तथा संकाय के आकलन आदि के संबंध में भी विमर्श किया गया।
बैठक में उपस्थित रहे ये लोग
इस दौरान राज्यपाल ने सीबीसीएस एवं सेमेस्टर प्रणाली को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण निदेश देते हुए सभी प्रक्रियाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने को कहा। इस मौके पर राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह एवं सचिव वैद्यनाथ यादव, राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबटर् एल. चोंग्थू, बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद् के अकादमिक सलाहकार प्रो. एन. के. अग्रवाल, राज्यपाल सचिवालय के संबंधित पदाधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित थे।