Edited By Swati Sharma, Updated: 24 Dec, 2024 06:59 PM
महिलाओं की प्रगति समाज की प्रगति है। बिहार सरकार के अथक प्रयास से आज महिलाएं हर क्षेत्र में कार्यरत हैं। परन्तु आए दिन हो रहे महिला यौन उत्पीड़न की घटनाएं उन्हें कार्यस्थल पर असुरक्षित महसूस करवाते हैं और इस पर खुलकर बात नहीं रखने के कारण उनका...
पटनाः महिलाओं की प्रगति समाज की प्रगति है। बिहार सरकार के अथक प्रयास से आज महिलाएं हर क्षेत्र में कार्यरत हैं। परन्तु आए दिन हो रहे महिला यौन उत्पीड़न की घटनाएं उन्हें कार्यस्थल पर असुरक्षित महसूस करवाते हैं और इस पर खुलकर बात नहीं रखने के कारण उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, जो किसी न किसी रूप में महिलाओं के पेशेवर एवं निजी दोनों जीवन को प्रभावित करता है। ऐसी घटनाओं के रोकथाम के लिए ‘कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013’ लाया गया। इस अधिनियम का उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकना और उनका समाधान करना तथा ऐसे उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए एक तंत्र प्रदान करना है।
इसी अधिनियम के तहत दिनांक-23.12.2024 को राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय, नवादा में कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण सप्ताह के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में सुश्री मधु कंचन, पूर्व अध्यक्ष, इनर व्हील क्लब (अंतराष्ट्रीय महिला संस्था) उपस्थित रहीं। उन्होंने राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय के छात्राओं को संबोधित करते हुए उनसे कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के रोकथाम एवं बचाव पर चर्चा की एवं उन्हें जागरूक भी किया।