Darbhanga News: दहेज हत्या के मामले में पति, सास एवं ससुर को सजा, 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा

Edited By Swati Sharma, Updated: 11 Nov, 2023 10:29 AM

husband mother in law and father in law punished in dowry death case

बिहार में दरभंगा व्यवहार न्यायालय के तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर ने दहेज हत्या के जुर्म में पति समेत तीन लोगों कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दिवाकर की अदालत ने मामले में सुनवाई के बाद आरोपित पति यशोदानंद मिश्र को बारह साल की...

​दरभंगा: बिहार में दरभंगा व्यवहार न्यायालय के तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर ने दहेज हत्या के जुर्म में पति समेत तीन लोगों कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दिवाकर की अदालत ने मामले में सुनवाई के बाद आरोपित पति यशोदानंद मिश्र को बारह साल की कठोर कारावास तथा दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं, मृतिका के सास मुन्द्रिका देवी और ससुर हेमनारायण मिश्र को सात-सात साल की कठोर कारावास तथा दस-दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।

क्या था मामला?
सहायक लोक अभियोजक रेणु झा ने बताया कि सदर थाना क्षेत्र के दुलारपुर गांव के अशोक कुमार चौधरी ने अपनी पुत्री कंचन कुमारी की शादी 15 फरवरी 2014 को मनीगाछी थाना क्षेत्र के मकरन्दा गांव में मुंद्रिका देवी और हेम नारायण मिश्र के पुत्र यशोदा नंद मिश्र के साथ धूमधाम से की थी। शादी पश्चात कंचन को एक पुत्र आदर्श जन्म लिया। दहेज के लिए सास, ससूर और पति ने लगातार कंचन को प्रताड़ित कर रहे थे। इस बीच 12 मार्च 2018 को उक्त आरोपी ने कंचन को केरोसीन तेल छिड़ककर जला डाला। इलाज के दरम्यान उसकी मौत हो गई। मामले को लेकर मृतिका के पिता अशोक चौधरी ने मनीगाछी थाना में दिनांक 22 अप्रैल 18 को प्राथमिकी सं.79/18 संस्थित कराया। अदालत ने शुक्रवार को इस सत्र वाद संख्या 95 /19 की सुनवाई पूरी करते हुए भारती दंड विधान की धारा 304 बी, 498्न/34 में सास, ससुर को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया है। वहीं, हत्यारा पति 5 वर्षों से जेल में ही है।                    

सास-ससुर को सात साल की सजा
झा ने बताया कि इस जघन्य मामले में अभियोजन पक्ष से छह गवाहों की गवाही हुई। मृतिका का पुत्र आदर्श ने हत्या का आंखों देखा विवरण कोर्ट के समक्ष अपने बयान में कहा था। अदालत ने दहेज के लिए हत्या कर दिये जाने के जुर्म 304 (बी) में सास एवं ससुर को 7-7 वर्ष की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है तथा अर्थदण्ड भुगतान नहीं करने पर तीन माह का अतिरिक्त सजा भुगतना पड़ेगा। वहीं, 498 (ए) में दो साल की कारावास की सजा सुनाई है। हत्यारे पति को 304 (बी) में 12 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अर्थदण्ड भुगतान नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतना पड़ेगा। 498 (ए) में पति को 2 साल की कारावास की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। 

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