Edited By Swati Sharma, Updated: 14 Dec, 2024 01:01 PM
बच्चों का लैंगिक अपराध से संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की बिहार में पटना स्थित विशेष अदालत ने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को तीन दोषियों को 20-20 वर्षों के सश्रम कारावास के साथ ही 15- 15 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। विशेष...
पटना: बच्चों का लैंगिक अपराध से संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की बिहार में पटना स्थित विशेष अदालत ने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को तीन दोषियों को 20-20 वर्षों के सश्रम कारावास के साथ ही 15- 15 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
विशेष न्यायाधीश कमलेश चंद्र मिश्रा ने मामले में सुनवाई के बाद पटना जिले के मरांची थाना क्षेत्र स्थित नौरंगा पंचगामा गांव निवासी विकास कुमार, संजीव कुमार उर्फ मांझी सिंह तथा अमृतेश झा उर्फ बिट्टू को भारतीय दंड विधान और पॉक्सो अधिनियम की अलग अलग धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषियों को एक-एक वर्ष के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी। साथ ही अदालत ने पीड़िता को मुआवजे के तौर पर चार लाख रुपए दिए जाने का आदेश विधिक सेवा प्राधिकार पटना को दिया है।
मामले के विशेष लोक अभियोजक सुरेश चंद्र प्रसाद ने बताया कि दोषियों ने वर्ष 2023 में एक नाबालिग से उस समय सामूहिक बलात्कार किया था जब वह शौच के लिए गांव के बाहर गई थी। मामले की प्राथमिकी मरांची थाना में दर्ज की गई थी। इस मामले में अभियोजन ने आरोप साबित करने के लिए आठ गवाहों का बयान अदालत में कलम बंद करवाया था।