Bihar News: बिहार में दिव्यांग समावेशी आपदा प्रबंधन पर दो दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

Edited By Ramanjot, Updated: 17 Dec, 2025 08:41 PM

inclusive disaster management bihar

आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया तब तक प्रभावी नहीं हो सकती जब तक वह समावेशी न हो” इसी संदेश के साथ बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग (DMD) ने भारत में संयुक्त राष्ट्र और यूनिसेफ के सहयोग से ....

Bihar News: “आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया तब तक प्रभावी नहीं हो सकती जब तक वह समावेशी न हो” इसी संदेश के साथ बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग (DMD) ने भारत में संयुक्त राष्ट्र और यूनिसेफ के सहयोग से पटना में दिव्यांग-समावेशी आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DiDRR) पर दो दिवसीय क्षमता-वर्धन कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्देश्य राज्य में आपदा प्रबंधन की सभी प्रक्रियाओं में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार, सुरक्षा और भागीदारी को सुदृढ़ करना है। इस कार्यशाला का तकनीकी सहयोग यू.एन.डी.पी और हैंडीकैप इंटरनेशनल (ह्यूमैनिटी एंड इन्क्लूजन) द्वारा प्रदान किया गया।

PunjabKesari

कार्यशाला में सहायक आपदा प्रबंधन अधिकारी, आपदा जोखिम न्यूनीकरण से जुड़े विशेषज्ञ तथा दिव्यांग व्यक्तियों के संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र में यूनिसेफ के आपदा जोखिम न्यूनीकरण विशेषज्ञ श्री राजीव कुमार ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों और अपेक्षित परिणामों को रेखांकित किया।

PunjabKesari

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. चंद्रशेखर सिंह के निर्देशानुसार अपने मुख्य संबोधन में विभाग के संयुक्त सचिव श्री नदीमुल ग़फ्फ़ार सिद्दीक़ी ने कहा कि आपदाएँ किसी के साथ भेदभाव नहीं करतीं, इसलिए हमारी प्रतिक्रिया प्रणालियाँ भी भेदभावरहित और पूर्णतः समावेशी होनी चाहिए। उन्होंने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में राज्य द्वारा किए गए प्रयासों को इंगित करते हुए दिव्यांग व्यक्तियों की सुरक्षा और समावेशन से जुड़े अंतरालों की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य अपनी आपदा योजनाओं को सेंडाई फ्रेमवर्क फॉर डिज़ास्टर रिस्क रिडक्शन के अनुरूप बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है और समावेशी प्रतिक्रिया तंत्र को सुशासन का अनिवार्य हिस्सा बनाया जाना चाहिए।

PunjabKesari

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) के सचिव श्री मोहम्मद वारिस ख़ान, भा.प्र.से. ने उद्घाटन संबोधन में कहा कि विशेषकर जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती और अप्रत्याशित आपदाओं के दौर में दिव्यांग व्यक्तियों को प्राथमिकता देना केवल नीतिगत नहीं, बल्कि एक नैतिक दायित्व है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, यूनिसेफ और यूएनडीपी के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ नियमित रूप से आयोजित की जानी चाहिए ताकि दिव्यांग समावेशन की सोच राज्य की नीतियों और आपदा प्रबंधन ढाँचों में स्थायी रूप से समाहित हो सके।

PunjabKesari

कार्यशाला के दौरान दिव्यांग व्यक्तियों के जीवनानुभवों पर आधारित एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें आपदा के समय निकासी, प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों तक पहुँच और सुरक्षित आश्रय स्थलों की उपलब्धता जैसे व्यावहारिक मुद्दों पर चर्चा हुई। यह सत्र ह्यूमैनिटी एंड इन्क्लूजन के आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं जलवायु अनुकूलन विशेषज्ञ श्री कुमार शिवेन्द्र द्वारा संचालित किया गया।

दिव्यांग समुदाय की ओर से श्रीमती राधा ने बाढ़ के दौरान बचाव से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि आपदा प्रतिक्रिया और राहत कार्यों में दिव्यांग महिलाओं की संवेदनशीलताएँ और अधिक बढ़ जाती हैं। उन्होंने समावेशी और लैंगिक-संवेदनशील आपदा प्रबंधन नीतियों की आवश्यकता पर जोर दिया।

PunjabKesari

दो दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागियों ने दिव्यांगता की मूल अवधारणाओं, समावेशन के मॉडलों, जोखिमग्रस्त व्यक्तियों की पहचान, अधिकार-आधारित दृष्टिकोण, समावेशी संचार, प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों, निकासी और आश्रय प्रबंधन, बचाव तकनीकों तथा क्षेत्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं पर विस्तृत चर्चा की। एक स्थानीयकृत टेबल-टॉप अभ्यास के माध्यम से प्रतिभागियों को समावेशी तैयारी और प्रतिक्रिया उपायों को व्यवहार में उतारने का अवसर भी मिला। कार्यशाला का समापन दिव्यांग समावेशन को राज्य की आपदा प्रबंधन नीतियों और योजनाओं में और सुदृढ़ करने हेतु सहमत कार्य-योजना के साथ किया जाएगा।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!