Bihar News: बिहार सरकार-गेट्स फाउंडेशन साझेदारी, मत्स्य व डेयरी सेक्टर के लिए दो ऐतिहासिक कार्यक्रम शुरू

Edited By Ramanjot, Updated: 16 Dec, 2025 05:49 PM

bihar news beginning of a fisheries and dairy revolution in bihar

Bihar News: बिहार एक्वाकल्चर इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (BAIP) का उद्देश्य मत्स्य क्षेत्र को आधुनिक तकनीकों, उन्नत प्रजातियों और बेहतर प्रबंधन के माध्यम से सुदृढ़ करना है। गेट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित तथा पैलेडियम कंसल्टिंग इंडिया प्रा. लि. द्वारा...

Bihar News: बिहार सरकार ने गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से राज्य के मत्स्य और डेयरी क्षेत्रों को सशक्त, आधुनिक और जलवायु-संवेदनशील बनाने की दिशा में दो ऐतिहासिक कार्यक्रमों- बिहार एक्वाकल्चर इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (BAIP) तथा बिहार डेयरी ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट की औपचारिक शुरुआत की। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य ग्रामीण आजीविका को सुदृढ़ करना, किसानों की आय बढ़ाना तथा तकनीक आधारित समावेशी विकास को बढ़ावा देना है। 

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इस अवसर पर पुराना सचिवालय के सभा कक्ष में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता मंत्री, डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग, बिहार सरकार सुरेन्द्र मेहता ने की। कार्यक्रम के सह-अध्यक्ष के रूप में मुख्य सचिव, बिहार प्रत्यय अमृत उपस्थित रहे। विशेष अतिथि के रूप में विकास आयुक्त, बिहार मिहिर कुमार सिंह उपस्थित थे। सत्र का संचालन अपर मुख्य सचिव, डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग डॉ. एन. विजयलक्ष्मी द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में निदेशक मत्स्य तुषार सिंगला, निदेशक पशुपालन उज्जवल कुमार सिंह एवं निदेशक डेयरी केदारनाथ सिंह भी उपस्थित थे।

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बिहार एक्वाकल्चर इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (BAIP) का उद्देश्य मत्स्य क्षेत्र को आधुनिक तकनीकों, उन्नत प्रजातियों और बेहतर प्रबंधन के माध्यम से सुदृढ़ करना है। गेट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित तथा पैलेडियम कंसल्टिंग इंडिया प्रा. लि. द्वारा PRADAN एवं अन्य साझेदारों के सहयोग से लागू इस कार्यक्रम के तहत मछली उत्पादन में 25 प्रतिशत वृद्धि, तालाब उत्पादकता में 20 प्रतिशत सुधार तथा लागत में कमी के माध्यम से मछुआरा परिवारों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यक्रम में महिलाओं की न्यूनतम 60 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करते हुए महिला नेतृत्व वाले मत्स्य उद्यमों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अंतर्गत उन्नत हैचरियों का आधुनिकीकरण, हजारों तालाबों में गुणवत्तापूर्ण फिंगरलिंग स्टॉकिंग, किसान उत्पादक संगठनों एवं स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करना तथा डिजिटल एक्वाकल्चर प्लेटफॉर्म के माध्यम से रीयल-टाइम तकनीकी सलाह एवं बाजार पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी। 

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वहीं बिहार डेयरी ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट के माध्यम से चारा सुरक्षा, पशु प्रजनन, दूध की गुणवत्ता और मूल्य-वर्धित डेयरी उत्पादों के विकास पर विशेष जोर दिया जाएगा। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) अपने फूड एंड एग्रीकल्चर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CII-FACE) के माध्यम से इस परियोजना के कार्यान्वयन में विभाग को तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा। इस परियोजना के तहत सौर ऊर्जा आधारित हाइड्रोपोनिक चारा प्रणाली, साइलेंज मॉडल, डिजिटल कृत्रिम गर्भाधान उपकरण, पशु स्वास्थ्य एवं स्वच्छ दूध उत्पादन पर क्षमता निर्माण तथा महिला डेयरी किसानों के नेतृत्व विकास के लिए विशेष पहलें की जाएंगी। इन दोनों कार्यक्रमों से बिहार के मत्स्य और डेयरी क्षेत्रों में सतत आय के अवसर सृजित होंगे, पोषण सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया आयाम प्राप्त होगा। यह पहल बिहार को आधुनिक कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी। एक्स में गेट्स फाउंडेशन की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर निधि जैन, पैलेडियम के निदेशक मनीष शंकर, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) बिहार क्षेत्र के अध्यक्ष गौरव शाह उपस्थित रहे।

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