Edited By Diksha kanojia, Updated: 27 Jul, 2021 06:10 PM
इसके बाद इस मामले पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी दल के सदस्य अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गए। हंगामे के बीच ही सभा अध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही चलाने की कोशिश की। कुछ देर के बाद सभा की कार्यवाही भोजन अवकाश...
पटनाः बिहार विधानसभा में 23 मार्च को विपक्षी विधायकों के साथ मारपीट मामले को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्य उत्तेजित हो गए। वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने इस मामले पर विशेष चर्चा कराए जाने की मांग की ताकि सदन और सदस्यों को गरिमा की रक्षा करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
विधानसभा में मॉनसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 23 मार्च को विधायकों के साथ मारपीट की घटना के मामले पर सदन में चर्चा कराने का लिखित रूप से प्रस्ताव दिया। इसके साथ ही कांग्रेस के अजीत शर्मा ने भी इसी संबंध में कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था जिसे सभा अध्यक्ष ने निगमानुकूल नहीं पाते हुए अमान्य कर दिया। हालांकि सभाध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को इस मामले पर अपनी बात रखने का मौका दिया।
इसके बाद इस मामले पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी दल के सदस्य अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गए। हंगामे के बीच ही सभा अध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही चलाने की कोशिश की। कुछ देर के बाद सभा की कार्यवाही भोजन अवकाश के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पूर्व यादव ने 23 मार्च 2021 को विपक्षी दल के विधायकों के साथ हुई मारपीट के मामले को संसदीय इतिहास का काला दिन बताया और कहा कि इस घटना से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। उनके इतना कहते ही सत्ता पक्ष के कई सदस्य उत्तेजित हो गए और कहा कि उस दिन विपक्ष के सदस्यों ने सदन में गुंडागर्दी की थी। इससे विपक्षी सदस्य भी उत्तेजित हो गए। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने लगे।