Edited By Swati Sharma, Updated: 12 Apr, 2023 01:27 PM

वहीं विपक्षी एकता को लेकर महागठबंधन के नेताओं ने सुर में सुर मिलाया है। कांग्रेस नेता अजित शर्मा ने कहा कि जो देश की हालत है, ऐसे में सभी विपक्ष को एकजुट होना होगा। देश की जितनी रीजनल पार्टियां हैं, उन्हें सेक्रिफाइस देना होगा। ताकि 2024 में भाजपा...
पटना(अभिषेक कुमार सिंह):बिहार के मुखिया नीतीश कुमार एक बार फिर विपक्षी एकता को धार देने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। सीएम नीतीश ने पहले ही कहा था कि विधानमंडल के बजट सत्र के बाद वे विपक्षी एकता के लिए देश के दौरे पर निकलेंगे। अब जब बजट सत्र समाप्त हो चुका है तो नीतीश पूरी मजबूती के साथ विपक्षी एकजुटता की मुहिम में जुट गए हैं। अपनी इसी मुहिम को धार देने के लिए नीतीश मंगलवार की शाम दिल्ली पहुंचे, जहां सबसे पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की। वहीं सीएम के दिल्ली दौरे पर बिहार की सियासत गरमा गई है।
देश के सभी विपक्षी दल के लोग चाहते है कि कोई सबको एकजुट करें: RJD
वहीं विपक्षी एकता को लेकर महागठबंधन के नेताओं ने सुर में सुर मिलाया है। कांग्रेस नेता अजित शर्मा ने कहा कि जो देश की हालत है, ऐसे में सभी विपक्ष को एकजुट होना होगा। देश की जितनी रीजनल पार्टियां हैं, उन्हें सेक्रिफाइस देना होगा। ताकि 2024 में भाजपा को देश की गद्दी से उखाड़ फेंके। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि देश के सभी विपक्षी दल के लोग चाहते है कि कोई सबको एकजुट करें। सभी विपक्षी लोग एकजुट आएंगे और सभी का एक ही संकल्प है कि भाजपा मुक्त सरकार बने। इसमे नीतीश कुमार की अच्छी पहल है।
प्रधानमंत्री की चाह रखने वाले विपक्ष में दर्जन भर लोग: कुशवाहा
नीतीश की विपक्ष के एकता की मुहिम पर तंज कसते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि पिछले बार प्रधानमंत्री का सपना नीतीश कुमार ने देखा था तो दो सीटें आई थी। इस बार इन्हें ज़ीरो पर आउट होना है। इधर, विपक्षी एकता के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ऐसी कोशिश बहुत पहले से की जा रही है, लेकिन प्रधानमंत्री की चाह रखने वाले विपक्ष में दर्जन भर लोग हैं। ऐसी स्थिति में ऐसे कोशिश का कोई परिणाम निकलेगा। इसकी दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है ।
नीतीश की यात्रा का नाम सुनते ही BJP के पेट में शुरू हो जाता है दर्दः जदयू
उधर, भाजपा के तंज का जवाब देते हुए जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि नीतीश कुमार के दिल्ली की यात्रा का नाम सुनते ही भाजपा के पेट में दर्द शुरू हो जाता है। नीतीश कुमार ने पहले भी कहा है कि उनका कोई इच्छा प्रधानमंत्री उम्मीदवार का नहीं है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही इस बात की चर्चा हुई थी कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी एकता को लेकर नीतीश समेत विपक्ष के कुछ बड़े नेताओं से फोन पर बात की है। अब जब कांग्रेस की तरफ से विपक्षी एकता के लिए पहल की गई है तो नीतीश फिर से अपनी मुहिम को धार देने के लिए दिल्ली कूच करने का फैसला किया है। अब देखना होगा कि नीतीश कुमार का यह पहल कितना रंग लाता है ।