Edited By Harman, Updated: 25 Apr, 2025 03:30 PM
बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण कार्य को और सरल, पारदर्शी एवं सुविधाजनक बनाने के लिए मौखिक सहमति के आधार पर पहले से जमीन के किए गए बदलैन (अदला-बदली) को भी आज मान्यता दे दी।
Bihar Land Survey: बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण कार्य को और सरल, पारदर्शी एवं सुविधाजनक बनाने के लिए मौखिक सहमति के आधार पर पहले से जमीन के किए गए बदलैन (अदला-बदली) को भी आज मान्यता दे दी।
‘बदलैन’ जमीन को मिली मान्यता
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शुक्रवार संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां मंत्रिपरिषद की हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को लागू करने के लिए बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बन्दोबस्त (संशोधन) नियमावली, 2025 की स्वीकृति दे दी। डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि राज्य में बिहार विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त अधिनियम, 2011 के तहत रैयती और अन्य प्रकार की जमीन का नया रिकॉर्ड (खतियान) और नक्शा तैयार किया जा रहा है। सर्वेक्षण के दौरान यह महसूस किया गया कि इस कार्य को पूरी तरह से सही, पारदर्शी और तेजी से करने के लिए मौखिक सहमति के आधार पर पहले से किए गए जमीन के बदलैन को भी मान्यता दी जानी चाहिए।
एसीएस ने कहा कि इसके आलोक में बिहार विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त नियमावली, 2012 में संशोधन कर इसे शामिल करने के लिए ‘बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली, 2025' को मंजूरी दी गई है। डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि राजस्व और भूमि सुधार विभाग की कई ऑनलाइन सेवाएं जैसे दाखिल-खारिज, ऑनलाइन सुधार, भू-लगान, भूमि दखल-कब्जा प्रमाण पत्र और राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली लगातार चलती रहें, इसके लिए जरूरी है कि इनका संचालन नई तकनीकों के साथ बेहतर तरीके से किया जाए। इसको ध्यान में रखते हुए अगले पांच सालों तक इन सेवाओं के संचालन, तकनीकी उन्नयन और विभागों के बीच आपसी तालमेल सुनिश्चित करने के लिए ‘राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी)' को जिम्मेदारी सौंपी गई है। नई तकनीकों के इस्तेमाल से ऑनलाइन सेवाएं और तेज एवं बेहतर होंगी, जिससे आम लोगों और रैयतों को सीधा फायदा मिलेगा।
राजस्व और भूमि सुधार विभाग के तहत कुछ नए पदों का निर्माण
एसीएस ने बताया कि राज्य में आधारभूत संरचना और निर्माण कार्यों की बढ़ोतरी के कारण भूमि अधिग्रहण का काम बढ़ रहा है। इसे सुचारू रूप से चलाने और निगरानी रखने के लिए राजस्व और भूमि सुधार विभाग के तहत कुछ नए पद बनाए जा रहे हैं। इन पदों में अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के 104 पद और राजस्व अधिकारी-सह-कानूनगो (भू-अर्जन) के 81 पद शामिल हैं। डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि बैठक में कुल 185 नए पदों के सृजन के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई। साथ ही इन पदों के लिए अनुमानित वार्षिक व्यय 12 करोड़ 81 लाख 32 हजार 400 रुपये है और प्रशासी पदवर्ग समिति से इसकी मंजूरी मिल चुकी है