Edited By Ramanjot, Updated: 22 Mar, 2025 12:36 PM

ईडी ने उपरोक्त तीनों वकीलों को इस मामले में गिरफ्तार करने के बाद 23 जनवरी 2025 को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। गौरतलब है कि सीबीआई ने रेलवे दावा अधिकरण की पटना पीठ में हुए घोटाले को लेकर दो प्राथमिकी दर्ज की थी। उक्त मामले की जांच के दौरान...
पटना: रेलवे दावा घोटाला से जुड़े करोड़ो रुपयों के धन शोधन (Money Laundering) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार में पटना की एक विशेष अदालत में तीन वकील और उनकी पत्नियों समेत छह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। ईडी ने यह आरोप पत्र धन शोधन निरोधक अधिनियम (PML) के विशेष न्यायाधीश सह पटना के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रूपेश देव की अदालत में अभियुक्त वकील विद्यानंद सिंह, परमानंद सिंह और विजय कुमार के अलावा उनकी पत्नियों रिंकी सिन्हा, अर्चना सिन्हा और निर्मला कुमारी के खिलाफ पीएमएलए की अलग-अलग धाराओं में दाखिल किया है।
ईडी ने उपरोक्त तीनों वकीलों को इस मामले में गिरफ्तार करने के बाद 23 जनवरी 2025 को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। गौरतलब है कि सीबीआई ने रेलवे दावा अधिकरण की पटना पीठ में हुए घोटाले को लेकर दो प्राथमिकी दर्ज की थी। उक्त मामले की जांच के दौरान करोडों रुपये की राशि के धन शोधन का मामला प्रकाश में आने के बाद ईडी को भी जांच सौंपी गई। ईडी ने पीटीजेडओ 8/2023 के रूप में अपनी प्राथमिकी दर्ज की है। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि वर्ष 2015 से 2017 के बीच रेलवे दावा अधिकरण पटना पीठ के तत्कालीन पीठासीन पदाधिकारी आर. के. मित्तल ने अधिवक्ता विद्यानंद सिंह और उसकी पत्नी अधिवक्ता रिंकी सिन्हा की टीम के लगभग 960 मुकदमों में क्षतिपूर्ति दावा राशि दिए जाने का आदेश पारित किया था।
आरोप के अनुसार, इन मामलों में मृतक के आश्रितों के बैंक खातों का सत्यापन वकीलों के द्वारा किए जाने का आदेश दिया गया था। वकीलों ने बिना आश्रितों की जानकारी के बैंक खाता खुलवाकर उसमें दावा की राशि प्राप्त की और फिर उसे अपने एवं अपने रिश्तेदारों के बैंक खातो में स्थानांतरित किया और मृतक के आश्रितों को छोटी-मोटी राशि ही दी। अभियुक्तों ने हरिजग बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक संस्था का भी धन शोधन के लिए इस्तेमाल किया। इस संस्था के निदेशक अभियुक्त विद्यानंद सिंह थे।