Edited By Ramanjot, Updated: 19 Mar, 2025 08:14 AM

लैंड फॉर जॉब घोटाले (Land for Job Scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कस दिया है। मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और आरजेडी विधायक तेजप्रताप यादव से कई घंटों तक पूछताछ के बाद बुधवार को आरजेडी अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद...
पटना: लैंड फॉर जॉब घोटाले (Land for Job Scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कस दिया है। मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और आरजेडी विधायक तेजप्रताप यादव से कई घंटों तक पूछताछ के बाद बुधवार को आरजेडी अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की बारी है। उन्हें पटना स्थित ईडी के जोनल कार्यालय में पेश होना है, जहां उनसे जमीन के बदले नौकरी घोटाले (Railway Recruitment Scam) में पूछताछ की जाएगी।
राबड़ी देवी और तेजप्रताप से ईडी की पूछताछ पूरी
मंगलवार को राबड़ी देवी सुबह 10:30 बजे ईडी दफ्तर पहुंचीं, जबकि तेजप्रताप यादव दोपहर 12 बजे वहां पहुंचे। दोनों से कई घंटे तक पूछताछ चली। इस दौरान आरजेडी सांसद मीसा भारती ने बयान दिया कि परिवार के सभी सदस्यों ने पूछे गए सवालों के जवाब दे दिए हैं और वे अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता अपने-अपने दायित्व को निभा रहे हैं।
क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला?
लालू यादव पर आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच जब वे मनमोहन सरकार में रेल मंत्री थे, तब रेलवे की ग्रुप-डी भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई। आरोपों के मुताबिक, नौकरी के बदले उम्मीदवारों से उनकी जमीन लालू परिवार और उनके करीबियों के नाम ट्रांसफर करवाई गई। ईडी की चार्जशीट में ऐसे सात स्थानों की पहचान की गई है, जहां लालू परिवार की जमीन मिली है। इस मामले में 600 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) का भी आरोप है।
सीबीआई की कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ़्तारी
18 मई 2022 को सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। 20 मई को बिहार और दिल्ली में 16 ठिकानों पर छापेमारी की गई। 27 जुलाई 2022 को लालू के करीबी भोला यादव और हृद्यानंद चौधरी को गिरफ्तार किया गया। 24 अगस्त 2022 को बिहार, दिल्ली और गुरुग्राम में आरजेडी नेताओं के ठिकानों पर छापे मारे गए, जबकि 7 अक्टूबर 2022 को सीबीआई ने लालू यादव, मीसा भारती समेत 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
2024 में प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी कार्रवाई और तेज कर दी। 27 जनवरी को ईडी ने राबड़ी देवी, मीसा भारती और हृद्यानंद चौधरी को समन भेजा। 30 जनवरी को तेजस्वी यादव से पूछताछ की गई। 20 सितंबर 2024 को सीबीआई को लालू यादव पर केस चलाने की अनुमति मिल गई। 27 सितंबर को ईडी ने चार्जशीट में लालू यादव को "मुख्य साजिशकर्ता" (Mastermind) बताया।
7 अक्टूबर 2024 को लालू यादव, तेजस्वी यादव समेत 9 आरोपियों को जमानत मिल गई थी, जबकि 11 मार्च 2025 को तेजप्रताप यादव और हेमा यादव समेत अन्य को भी कोर्ट से राहत मिल गई। अब ईडी की पूछताछ के केंद्र में लालू यादव हैं और इस घोटाले की जांच एक नए मोड़ पर पहुंच गई है।