Edited By Nitika, Updated: 09 Dec, 2022 03:21 PM
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अगले साल सात मार्च को प्राचीन स्थल पर जी-20 के ‘संपर्क समूहों' के दौरे के मद्देनजर बिहार सरकार से ‘नालंदा महाविहार' के आसपास के सभी अतिक्रमणों को हटाने का अनुरोध किया है।
पटनाः भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अगले साल सात मार्च को प्राचीन स्थल पर जी-20 के ‘संपर्क समूहों' के दौरे के मद्देनजर बिहार सरकार से ‘नालंदा महाविहार' के आसपास के सभी अतिक्रमणों को हटाने का अनुरोध किया है।
'नालंदा महावीर', एक विश्व धरोहर स्थल है और नालंदा जिले में स्थित है। बिहार में संबंधित अधिकारियों ने अगले साल मार्च में राज्य में होने वाली जी-20 'संपर्क समूहों' की बैठकों की तैयारी शुरू कर दी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), पटना परिक्षेत्र की अधीक्षण पुरातत्वविद् गौतमी भट्टाचार्य ने नालंदा के जिलाधिकारी को लिखे पत्र में नालंदा महाविहार के आसपास के सभी अतिक्रमणों और अनधिकृत निर्माणों को 31 दिसंबर तक हटाने का आग्रह किया है। जी-20 'संपर्क समूहों' की बैठकें अगले साल 6 और 7 मार्च को पटना और राज्य के कुछ अन्य स्थानों पर होंगी। भारत ने 1 दिसंबर को इंडोनेशिया से एक वर्ष के लिए G-20 की अध्यक्षता ग्रहण की। विदेशी प्रतिनिधि ('संपर्क समूह' के सदस्य) अपने दो दिनों के प्रवास के दौरान नालंदा और गया जिलों में नालंदा महाविहार, सोन भंडार गुफाओं, साइक्लोपियन वॉल, सुजाता स्तूप, बाणगंगा, मनियार मठ सहित कई एएसआई संरक्षित स्मारकों का भी दौरा करेंगे। इसके अलावा, प्रतिनिधि 6 मार्च को गया में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल प्राचीन महाबोधि मंदिर भी जाएंगे।
नालंदा के जिलाधिकारी को लिखे पत्र में, एएसआई की अधीक्षण पुरातत्वविद ने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं कि भारत ने 1 दिसंबर से जी -20 देशों की अध्यक्षता ग्रहण की है। साल भर चलने वाली बैठकों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के दौरे के हिस्से के रूप में, वे अगले साल 7 मार्च को राजगीर (नालंदा) में एएसआई संरक्षित स्थलों के साथ-साथ नालंदा महाविहार के विश्व धरोहर स्थल का दौरा करने वाले हैं।'' उन्होंने कहा कि एएसआई (पटना परिक्षेत्र) हमारे स्थलों और स्मारकों के परिसर के भीतर काम कर रहा है, राजगीर में स्थलों के तत्काल और विश्व विरासत स्थल को प्रतिनिधियों के दौरे से पहले बेहतर बनाने और प्रस्तुत करने योग्य बनाने की जरूरत है।
पत्र में आगे कहा गया है, इस बात पर जोर देने की जरूरत नहीं है कि यह क्षेत्र स्थानीय प्रशासन के कार्यात्मक अधिकार क्षेत्र में आता है और न केवल मौजूदा अनधिकृत निर्माणों को हटाने के लिए बहुत प्रयास करने की जरूरत है, बल्कि स्मारकों के आसपास, विशेष रूप से विश्व धरोहर स्थल की सफाई और सौंदर्यीकरण की भी जरूरत है। भट्टाचार्य ने अपने पत्र में कहा कि यह बिहार के लिए एक महान क्षण है और राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, पर्यटन क्षमता और अन्य ताकतों को प्रदर्शित करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को एकजुट होकर काम करना चाहिए।
एएसआई के अनुरोध के बारे में पूछे जाने पर, नालंदा के डीएम शशांक शुभंकर ने कहा, “मैं यह स्पष्ट कर दूं कि 7 मार्च, 2023 को प्राचीन स्थल पर जी-20 के 'संपर्क समूहों' के सदस्यों की यात्रा के मद्देनजर मुझे नालंदा महाविहार के आसपास के अतिक्रमण को हटाने के संबंध में अधीक्षण पुरातत्वविद् (एएसआई, पटना) का कोई पत्र नहीं मिला है, जहां तक नालंदा महाविहार के आसपास से अतिक्रमण हटाने की हमारी समय सीमा दिसंबर, 2022 का संबंध है, वह प्रक्रियाधीन है।” वहीं इससे पहले, बिहार सरकार ने एएसआई के माध्यम से वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर (डब्ल्यूएचसी), पेरिस को आश्वासन दिया था कि नालंदा महाविहार के आसपास से दिसंबर, 2022 तक अतिक्रमण हटा लिया जाएगा।