Edited By Ramanjot, Updated: 23 Nov, 2023 02:10 PM

इस दौरान वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सरकार के दो महत्वपूर्ण फैसले को जनता के बीच भेजना है। पहला सीएम नीतीश कुमार के नेतृव में पिछले 13 सालों से सरकार विशेष राज्य की दर्जे की मांग केन्द्र सरकार से कर रहे हैं। दूसरा जातिय गणना कराके बिहार ने...
पटना (अभिषेक कुमार सिंह): सचिवालय के संवाद कक्ष में जातीय गणना और आरक्षण का दायरा बढ़ाने को लेकर लिए गए निर्णय पर सरकार की तरफ से जवाब देने के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, वित्त मंत्री विजय चौधरी, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, कांग्रेस कोटे के पशुपालन मंत्री अफाक आलम, बिहार सरकार की पिछड़ा और अतिपिछड़ा कल्याण मंत्री अनिता देवी मिडिया के सामने आए। जहां उन्होंने सरकार के तरफ से किए गए कार्यों की चर्चा की।
"हर वर्ग के लोगों को सहायता प्रदान करेगी सरकार"
इस दौरान वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सरकार के दो महत्वपूर्ण फैसले को जनता के बीच भेजना है। पहला सीएम नीतीश कुमार के नेतृव में पिछले 13 सालों से सरकार विशेष राज्य की दर्जे की मांग केन्द्र सरकार से कर रहे हैं। दूसरा जातिय गणना कराके बिहार ने इतिहास रचा है। इस गणना के माध्यम से राज्य के हर वर्ग का डाटा सरकार के पास आ गया है। इस आंकड़े के माध्यम से हर वर्ग के लोगों को सरकार सहायता प्रदान करेगी। किसी भी वर्ग के लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकलना है। इस दिशा में सरकार काम कर रहीं है। सरकार इसके लिए ढाई लाख करोड़ रुपए खर्च करके काम करेगी। हर साल 50 करोड़ रुपए खर्च होगे। इसके लिए हम लोग केन्द्र सरकार से विशेष राज्य की दर्जे की मांग करते है।
विजय चौधरी ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे देगी तो हम अपने राज्य में गरीबों की उत्थान कर सकते हैं। बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाई है। कल कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव पारित किया है। इस आरक्षण की सीमा को संविधान के 9वीं सूची में केन्द्र सरकार डाले। ताकि इस सूची में डालने से कोई कोर्ट में अपील न कर सके।