Navratri 2024: बिहार के इस मंदिर में पूरी होती है श्रद्धालुओं की हर मनोकामना, नवरात्रों में पूजा करने का है विशेष महत्व

Edited By Ramanjot, Updated: 05 Oct, 2024 02:25 PM

the wishes of the devotees are fulfilled in thawe durga temple

नवरात्रि के नौ दिनो में यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्र में यहां खास मेला भी लगाया जाता है। इसके अलावा इस मंदिर में सोमवार और शुक्रवार को विशेष पूजा होती है। सावन के महीने में भी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस मंदिर को लोग...

पटना: बिहार में गोपालगंज जिले के थावे दुर्गा मंदिर में सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों और श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती है। गोपालगंज के सुप्रसिद्ध थावे दुर्गा मंदिर दो तरफ से जंगलों से घिरा है और इस मंदिर का गर्भगृह काफी पुराना है। इस मंदिर में नेपाल, उत्तर प्रदेश, बिहार के कई जिले से श्रद्धालु पूजा-अर्चना एवं दर्शन करने आते हैं। वैसे यहां सालों भर भक्तों की कतार लगी रहती है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि में पूजा करने का विशेष महत्व है। 

नवरात्रि में लगता है खास मेला 
नवरात्रि के नौ दिनो में यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्र में यहां खास मेला भी लगाया जाता है। इसके अलावा इस मंदिर में सोमवार और शुक्रवार को विशेष पूजा होती है। सावन के महीने में भी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस मंदिर को लोग थावे वाली माता का मंदिर, सिंहासिनी भवानी के नाम से भी जानते हैं। यहां नवरात्र में पशुबलि देने की भी परंपरा है। लोग मां के दरबार में खाली हाथ आते हैं लेकिन मां के आशीर्वाद से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। थावे दुर्गा मंदिर को सिद्धपीठ माना जाता है।

रोचक है थावे दुर्गा मंदिर की स्थापना की कहानी 
थावे दुर्गा मंदिर की स्थापना की कहानी काफी रोचक है। चेरो वंश के राजा मनन सिंह खुद को मां दुर्गा का बड़ा भक्त मानते थे, तभी अचानक उस राजा के राज्य में अकाल पड़ गया। उसी दौरान थावे में माता रानी का एक भक्त रहषु था। रहषु के द्वारा पटेर को बाघ से दौनी करने पर चावल निकलने लगा। यही वजह थी कि वहां के लोगों को खाने के लिए अनाज मिलने लगा। यह बात राजा तक पहुंची लेकिन राजा को इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा था। राजा रहषु के विरोध में हो गया और उसे ढोंगी कहने लगा और उसने रहषु से कहा कि मां को यहां बुलाओ। इस पर रहषु ने राजा से कहा कि यदि मां यहां आईं तो राज्य को बर्बाद कर देंगी लेकिन राजा नहीं माना। रहषु भगत के आह्वान पर देवी मां कामाख्या से चलकर पटना और सारण के आमी होते हुए गोपालगंज के थावे पहुंची। राजा के सभी भवन गिर गए। इसके बाद राजा मर गया।        

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!