Edited By Ramanjot, Updated: 30 May, 2024 04:23 PM
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वर्ष 2024 के आम चुनाव में जहानाबाद संसदीय सीट से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने अपने वर्तमान सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी पर फिर दांव लगाया और उन्हें चुनावी रणभूमि में उतारा। इंडिया गठबंधन के घटक दल राजद...
पटना: बिहार में जहानाबाद संसदीय सीट पर जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के निर्वतमान सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, राष्ट्रीय जनता दल के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद सुरेन्द्र प्रसाद यादव के बीच होने वाली चुनावी जंग के बीच चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति (रामविलास) के बागी पूर्व सांसद अरूण कुमार के सियासी रणभूमि में उतरने से सियासा पारा बढ़ गया है।
वर्ष 2024 के आम चुनाव में जहानाबाद संसदीय सीट से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने अपने वर्तमान सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी पर फिर दांव लगाया और उन्हें चुनावी रणभूमि में उतारा। इंडिया गठबंधन के घटक दल राजद ने भी अपने दिग्गज नेता सुरेन्द्र प्रसाद यादव पर भरोसा जताते हुए उन्हें चुनावी जंग में उतारा। जहानाबाद संसदीय सीट से दो बार सांसद रहे अरूण कुमार को उम्मीद थी कि उन्हें लोजपा (रामविलास) के टिकट पर जहानाबाद से चुनाव लड़ने का अवसर मिलेगा। जहानाबाद संसदीय सीट राजग के घटक दल में तालमेल के तहत जदयू को फिर से मिल गई। जहनाबाद संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का मन बना चुके अरूण कुमार ने लोजपा (रामविलास) पार्टी से बगावत कर दी और मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो गए। बसपा की ‘हाथी' पर सवार पूर्व सांसद अरूण कुमार के जहानाबाद सीट से चुनाव लड़ने के बाद यहां का सियासी पारा बढ़ गया है।
जहानाबाद में यादव और भूमिहार जाति के मतदाता सबसे अधिक
जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र लंबे समय तक भाकपा का गढ़ रहा है। जहानाबाद संसदीय क्षेत्र से सर्वाधिक छह बार भाकपा, तीन बार जदयू, दो बार राजद और एक-एक बार कांग्रेस, भारतीय लोक दल, इंदिरा कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने जीत हासिल की है। हालांकि 1998 के चुनाव में इस सीट ने सियासी करवट ली और राजद ने भाकपा के विजयी रथ को रोक दिया। तब से लेकर अबतक भाकपा ने जहानाबाद ने यहां अपना लाल झंडा नहीं लहराया। जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र में यादव और भूमिहार जाति के मतदाता सबसे अधिक हैं। यही कारण है कि हमेशा यादव और भूमिहार प्रत्याशी ही जीत हासिल करने में सफल होते हैं।