सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए CM नीतीश कुमार ने 38 गश्ती वाहनों का किया लोकार्पण, ओवर स्पीडिंग पर रखेगी कड़ी नजर

Edited By Mamta Yadav, Updated: 30 Oct, 2024 07:53 PM

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग से सड़क सुरक्षा एवं निर्बाध यातायात व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु 38 राजमार्ग गश्ती वाहनों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 38 राजमार्ग गश्ती वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने...

पटना, (विकास कुमार): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग से सड़क सुरक्षा एवं निर्बाध यातायात व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु 38 राजमार्ग गश्ती वाहनों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 38 राजमार्ग गश्ती वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने राजमार्ग गश्ती वाहनों के लोकार्पण के पूर्व उसका निरीक्षण किया और उसकी कार्य प्रणाली के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। सरकार का लक्ष्य वाहनों की तेज गति की वजह से होने वाले सड़क हादसों पर लगाम लगाना है। ये 38 राजमार्ग गश्ती वाहन सरकार के इसी लक्ष्य को पूरा करेंगे। इन राष्ट्रीय राजमार्ग गश्ती वाहनों को इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ERSS) के डायल-112 के साथ संबद्ध किया गया है ताकि आपातकालीन परिस्थिति में इन वाहनों को घटनास्थल पर फौरन भेजा जा सके। साथ ही प्रभावी कार्रवाई हेतु इस पर लगे उपकरणों के माध्यम से वाहन अथवा नियंत्रण कक्ष से केन्द्रीकृत समाधान का प्रावधान भी किया गया है।
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वहीं इस कार्यक्रम की शुरूआत में पुलिस महानिदेशक आलोक राज ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हरित पौधा भेंटकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, स्पेशल ब्रांच सुनील कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक(यातायात) सुधांशु कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, गृह विभाग के सचिव प्रणव कुमार, राज्य परिवहन आयुक्त नवीन कुमार सहित अन्य वरीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

बिहार में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या से नीतीश बाबू हैं चिंतित
बिहार में सड़क हादसों की वजह से असमय लोगों की मौत से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेहद चिंतित हैं।बिहार में साल 2023 में लगभग दस हजार सड़क हादसे हुए। इन हादसों में लगभग 89 सौ लोगों की मौत हो गई। बिहार में सड़क हादसे की गंभीरता को इस आंकड़े से भी समझा जा सकता है कि नेशनल हाईवे की लंबाई के हिसाब से राज्य का देश में 14 वां स्थान है, लेकिन सड़क हादसे के हिसाब से देश में बिहार का नंबर सातवां है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर हर सौ सड़क हादसे में मौत के लिहाज से बिहार का स्थान देश में दूसरा है। रिसर्च से ये बात साबित हुई है कि बिहार में सड़क हादसे का प्रमुख कारण तेज गति, गलत दिशा में ड्राइविंग और गाड़ियों में ओवरलोडिंग है। धार्मिक स्थानों पर हुए सड़क हादसे में बिहार में साल 2022 में 737 लोगों की दुखद मौत हो गई थी, जो कि देश में सबसे अधिक थी। हालांकि बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी लागू करने की वजह से सड़क हादसे में होने वाले मौत में तुलनात्मक रूप से कमी आई है,लेकिन इसके बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सड़क हादसे से लोगों की जिंदगी बचाने के लिए संकल्पित होकर काम कर रहे हैं। इसी मकसद से उन्होंने 38 राजमार्ग गश्ती वाहनों का लोकार्पण किया है,ताकि तेज गति से चलाने वाले वाहनों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन के पास अधिक से अधिक संसाधन उपलब्ध हो सके।

भारत में सड़क हादसे से होने वाली मौत के आंकड़े
भारत में हर साल लाखों सड़क हादसे होते हैं, जिनमें कई लोगों की मौत हो जाती है और कई जिंदगीभर के लिए अपाहिज हो जाते हैं। साल 2022 में 1 लाख 68 हजार लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई थी। देश में हिट एंड रन के मामलों की संख्या भी हैरान करती है।साल 2021 में हिट एंड रन के 57,415 मामले सामने आए थे, जिसमें 25 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।साल 2022 में ये आंकड़ा बढ़कर 67,387 तक पहुंच गए, जिनमें 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। भारत में सड़क दुर्घटनाओं में लगातार तेजी देखी जा रही है। अब अगर सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को देखें तो ये भी काफी चौंकाने वाले हैं। भारत में साल 2022 में कुल 4 लाख 61 हजार से ज्यादा सड़क हादसे हुए, जिनमें 1 लाख 68 हजार लोगों की मौत हो गई। इस साल रोज 1264 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 462 लोगों की मौत हो गई।हर घंटे के हिसाब के देखें तो 53 सड़क दुर्घटनाएं हर घंटे हुईं और इनमें से 19 लोगों की मौत हो गई। अब अगर हर मिनट सड़क दुर्घटनाओं को देखें तो भारत में हर एक मिनट में सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की मौत होती है। हर साल मौतों और सड़क दुर्घटनाओं का ये आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

सड़क दुर्घटना का सबसे प्रमुख कारण वाहनों की तेज गति है। इसके अलावा सड़क हादसे के बाद फौरन जख्मी लोगों को चिकित्सा की सुविधा नहीं मिल पाती है,इससे भी लोगों की जान चली जाती है। इसलिए नीतीश सरकार ने राजमार्ग पर 38 गश्ती वाहनों की सेवा शुरु की है।इससे वाहनों की तेज गति पर लगाम लगाना आसान हो जाएगा। इसके अलावा सड़क हादसे के शिकार लोगों को फौरन चिकित्सा की सुविधा भी मुहैया कराई जा सकेगी।
 

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