Edited By Ramanjot, Updated: 05 Jun, 2025 07:46 PM

अब ज्वेलरी दुकानों में जाकर धक्का मुक्की खाने और लंबी लाइनों से हटकर घर बैठे आराम से गहनों की खरीदारी कर सकते हैं। बिहार के हाजीपुर के अमन रंजन ने ‘वैशन्स’ नामक एक सॉफ्टवेयर लांच किया है
पटना:अब ज्वेलरी दुकानों में जाकर धक्का मुक्की खाने और लंबी लाइनों से हटकर घर बैठे आराम से गहनों की खरीदारी कर सकते हैं। बिहार के हाजीपुर के अमन रंजन ने ‘वैशन्स’ नामक एक सॉफ्टवेयर लांच किया है जिसमें अब आप घर बैठे ही ट्रायल सहित गहनों की खरीदारी कर सकते हैं।
अपने स्टार्टअप के बारे में अमन ने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग में क्रांति लाने के लिए हमने एक वर्चुअल ट्रायल रूम अनुभव विकसित किया है, जिससे ग्राहक अपने घर बैठे ही आभूषण आजमा सकते हैं। हमारा प्लेटफॉर्म व्यक्तिगत साइज सिफारिशें, आउटफिट और ज्वेलरी की स्टाइलिंग, और अत्यधिक सटीक वर्चुअल फिटिंग प्रदान करता है। खरीदारी के दौरान ग्राहक रिंग, नेकलेस जैसे आभूषण वर्चुअली ट्राई कर सकते हैं और यह देख सकते हैं कि वे उन पर कैसे दिखेंगे। इससे असमंजस कम होता है और संतुष्टि बढ़ती है।
वैश्विक स्तर पर पहुंचने की बात पर उन्होंने कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार शुरू कर दिया है और अब दुबई (यूएई मार्केट) में भी प्रवेश कर चुके हैं। उद्योग विभाग की स्टार्टअप बिहार नीति के तहत इन्हें कुल 10 लाख रुपये का अनुदान मिला है।
इसके साथ ही डॉ. साधना कुमारी ने तकनीक और कौशल विकास के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाने के लिए अंकुराम रोबो नामक एक स्टार्टअप शुरू किया है। यह कंपनी रोबोटिक्स और 3डी प्रिंटिंग में विशेषज्ञता रखती है और खासतौर पर महिलाओं व युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार व उद्यमिता के लिए तैयार करती है। साथ ही, यह मोबाइल की लत को कम करने हेतु इको-फ्रेंडली शैक्षणिक और रचनात्मक खिलौने व पज़ल्स का निर्माण भी करती है। स्टार्टअप बिहार के तहत इन्हें भी 10 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है।
इसी के साथ तीन इंजीनियरों की टीम आलोक रंजन (संस्थापक), भारत कुमार पालीवाल (सह-संस्थापक), कुणाल कुमार (सह-संस्थापक) ने पायथॉक्स मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड शुरू किया है। कंपनी इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर, इलेक्ट्रिक एंबुलेंस और इलेक्ट्रिक फिश-कार्ट जैसे पर्यावरण-अनुकूल और कुशल ट्रांसपोर्टेशन साधनों का निर्माण करती है। सरकार की तरफ से इनके उद्योग को 25 लाख रुपये का अनुदान मिला है।
स्टार्टअप बिहार के तहत एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया गया है, जो स्टार्टअप्स को उनके प्रारंभिक विचार से लेकर व्यवसाय के विस्तार तक सभी चरणों में सहयोग प्रदान करता है। खासकर युवाओं, महिलाओं और पारंपरिक रूप से उपेक्षित समुदायों की भागीदारी में हुई वृद्धि राज्य के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में परिवर्तन का संकेत देती है।
अब तक कुल 1522 स्टार्टअप पंजीकृत किए गए हैं। राज्य भर में नवाचार एवं उद्यमिता को प्रोत्सहन प्रदान करते हुए स्टार्टअप को कुल 62.50 करोड़ की राशि वितरित की गई है। महिला उद्यमियों , अनुसूचित जाति/ जनजाति उद्यमियों और त्वरण सहायता के लिए अतिरिक्त रूप से 13.30 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।