Edited By Ramanjot, Updated: 01 Aug, 2023 04:03 PM

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग (डीईएफसीसी) के अधिकारी उसे बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान वीटीआर से सोमवार रात पटना चिड़ियाघर ले आए। बिहार के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन पी के गुप्ता ने...
पटना: बिहार के वाल्मीकि बाघ अभयारण्य (वीटीआर) की बीमार बाघिन को बेहतर इलाज के लिए पटना चिड़ियाघर लाया गया है और वन विभाग के अधिकारी उसकी जान बचाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। बीमार बाघिन की उम्र लगभग दस साल है। उसकी विशिष्ट पहचान (यूआईडी) संख्या-8 है।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग (डीईएफसीसी) के अधिकारी उसे बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान वीटीआर से सोमवार रात पटना चिड़ियाघर ले आए। बिहार के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन पी के गुप्ता ने मंगलवार को बताया, “बाघिन (यूआईडी नंबर-8) अब पटना चिड़ियाघर के अधिकारियों और पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम की निरंतर निगरानी में है। हम उसे पटना चिड़ियाघर में सर्वोत्तम इलाज प्रदान कर रहे हैं... बीमार बाघिन को बचाने के प्रयास जारी हैं।”
गुप्ता ने कहा, “वीटीआर के अधिकारी घायल बाघिन को बिना पिंजड़े में कैद किए उसके प्राकृतिक आवास में चिकित्सा सहायता दे रहे थे, पर हमने उसे बेहतर इलाज के लिए पटना चिड़ियाघर लाने का फैसला किया। आशंका है कि बाघिन के बाएं अंग पर गंभीर चोट आई है, क्योंकि वह ठीक से चल नहीं पा रही है।” उन्होंने बताया, ‘बाघिन के घायल बाएं अंग में सूजन है, पर बाहरी चोट या खून के धब्बे का कोई निशान नहीं पाया गया है। ऐसा भी प्रतीत होता है कि बाघिन को अत्यधिक दर्द है और वह कुछ दिनों से भूखी थी, क्योंकि किसी पर हमला करने की स्थिति में नहीं थी। बाघिन का बायां कैनाइन (ऊपर का दांत) भी टूट गया है।”