लालू बने रहेंगे अध्यक्ष या तेजस्वी को मिलेगी RJD की कमान? पार्टी चुनावों से पहले अटकलों का बाजार गर्म

Edited By Ramanjot, Updated: 05 Aug, 2022 01:56 PM

will lalu remain the president or will tejashwi get the command of rjd

लालू प्रसाद, जो कंधे की चोट से उबर रहे हैं और विदेश में गुर्दा प्रत्यारोपण की उम्मीद कर रहे हैं, ने 1997 में जनता दल को विभाजित करते हुए राजद का गठन किया था। राजद के शीर्ष पद (राष्ट्रीय अध्यक्ष) के लिए हमेशा निर्विरोध चुने गए लालू यादव वर्तमान में...

पटनाः बिहार का मुख्य विपक्षी दल, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अपने संस्थापक प्रमुख लालू प्रसाद के खराब स्वास्थ्य की वजह से बने अनिश्चितता के महौल के बीच संगठनात्मक चुनावों की तैयारी कर रहा है। इस साल अक्टूबर में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है। राजद प्रदेश मुख्यालय द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार बूथ, पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर पार्टी की इकाइयों के लिए चुनाव 16 अगस्त से शुरू होकर छह सितंबर तक चलेगा। 21 सितंबर को पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों और राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों तथा शीर्ष निकाय राष्ट्रीय परिषद के लिए चुनाव होंगे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 11 अक्टूबर को दिल्ली में परिषद की बैठक होगी।

पार्टी के इस पद पर लगातार 11 वां कार्यकाल संभाल रहे हैं लालू 
लालू प्रसाद, जो कंधे की चोट से उबर रहे हैं और विदेश में गुर्दा प्रत्यारोपण की उम्मीद कर रहे हैं, ने 1997 में जनता दल को विभाजित करते हुए राजद का गठन किया था। राजद के शीर्ष पद (राष्ट्रीय अध्यक्ष) के लिए हमेशा निर्विरोध चुने गए लालू यादव वर्तमान में पार्टी के इस पद पर लगातार 11 वां कार्यकाल संभाल रहे हैं। लालू यादव आखिरी बार 2019 में इस पद पर निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए थे। पिछले कुछ समय से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या बीमार लालू यादव पद छोड़ने पर विचार करेंगे। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने लालू यादव के छोटे बेटे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी यादव को अपने नेता के रूप में स्वीकार कर लिया है। युवा नेता तेजस्वी का कद तब बढ़ गया है, जब उनके नेतृत्व में 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। इस चुनाव में राजद प्रदेश में सबसे बड़े दल के रूप में उभरा पर बहुमत हासिल करने में असफल रहा। 

तेजस्वी के भाई-बहन की प्रतिद्वंद्विता से स्थिति बिगड़ने की आशंका
बिहार विधानसभा में वर्तमान में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी का उत्थान एक ‘‘पीढ़ीगत बदलाव'' का संकेत देगा, जिसके संकेत उच्च जातियों और महिलाओं को पार्टी में अधिक भागीदारी दिए जाने जैसे कदमों में दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, लालू यादव द्वारा राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले छोटे पुत्र तेजस्वी यादव के लिए पार्टी का शीर्ष पद छोड़ने की स्थिति में तेजस्वी के भाई-बहन की प्रतिद्वंद्विता से स्थिति बिगड़ने की आशंका है। लालू प्रसाद की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती और बडा बेटा तेजप्रताप यादव राजनीति में सक्रिय हैं और दोनों हालांकि तेजस्वी को पसंद करने का दावा करते हैं। पर उनकी ‘‘दबी हुई महत्वाकांक्षा'' एक खुला रहस्य बना हुआ है। 

‘‘मुझे नहीं लगता कि लालू यादव इस्तीफा देंगे'': शिवानंद
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी जो पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं, ने बताया, ‘‘तेजस्वी पहले से ही पार्टी के भीतर कई मामलों मसलन मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह उनकी पसंद के हैं, में पकड रखते हैं, इसलिए ऐसा नहीं है कि युवा नेता को अपने पिता से अधिक समर्थन की आवश्यकता है। लेकिन सभी को साथ रखने के लिए लालू प्रसाद यादव को शीर्ष पर रहना चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि वह इस्तीफा देंगे। अस्वस्थता शायद ही उन्हें पार्टी के शीर्ष पद के लिए अनुपयुक्त बनाती है।''

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