Edited By Ramanjot, Updated: 14 Dec, 2025 10:14 AM

Mahila Rojgar Yojana: राजद ने अपने पोस्ट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि महिलाओं के स्वरोजगार के लिए दी जाने वाली दस हजार रुपये की सहायता को सरकार की चुनावी सफलता का एक अहम कारण माना गया, लेकिन पात्र महिलाओं के बजाय कुछ...
Mahila Rojgar Yojana: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने शनिवार को आरोप लगाया कि पिछले दिनों बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) जीतने की हताशा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार इतनी बेचैनी और असुरक्षित महसूस कर रही थी कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं के साथ कुछ पुरुषों के बैंक खातों में भी दस हजार रुपए हस्तांतरित कर दिए गए।
राजद ने आरोप लगाया कि अब एक विचित्र स्थिति में बिहार सरकार ने योजना के तहत गलती से राशि पाने वाले पुरुष लाभार्थियों से दस हजार वापस करने को कहा है। राजद ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स' पर कथित अनियमितताओं को उजागर करते हुए आज जीविका के ब्लॉक परियोजना प्रबंधकों द्वारा जारी दो आधिकारिक पत्रों की तस्वीरें साझा कीं, जिनमें तकनीकी त्रुटि के कारण मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत गलत तरीके से हस्तांरित की गई राशि की वसूली की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई है। ये पत्र दरभंगा जिले के दो व्यक्तियों से दस हजार रुपये वापस करने से संबंधित हैं, जिनमें कहा गया है कि तकनीकी त्रुटि के कारण यह राशि उनके बैंक खातों में जमा हो गई थी। पत्रों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस योजना का लाभ केवल जीविका से जुड़ी स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए है।
राजद ने अपने पोस्ट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि महिलाओं के स्वरोजगार के लिए दी जाने वाली दस हजार रुपये की सहायता को सरकार की चुनावी सफलता का एक अहम कारण माना गया, लेकिन पात्र महिलाओं के बजाय कुछ पुरुषों को राशि दिया जाना प्रशासनिक तंत्र की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। राजद ने नीतीश सरकार की आलोचना करते हुए व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि यह घटना 'प्रशासनिक विफलता' का जीता-जागता उदाहरण है और इसके लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
पार्टी ने कहा कि यह संभव है कि वसूली के पत्र जारी करने इसे पहले ही लाभार्थी राशि खर्च कर चुके हों और वापसी का बोझ उन्हें परेशान कर दे। राजद के हवाले से कहा गया है कि इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में हेरफेर, धांधली, वोट खरीद, वोट चोरी और प्रशासनिक मशीनरी के दुरुपयोग से बनी सरकार की पोल अब खुल रही है।