घोर कलयुग! डॉक्टरों ने जिंदा मरीज को किया मृत घोषित, इलाज के 8 घंटे बाद फिर मौत

Edited By Khushi, Updated: 01 Dec, 2022 12:06 PM

terrible kalyug doctors declared alive patient dead

आए दिन झारखंड के रांची जिले से रिम्स अस्पताल की अव्यवस्था और डॉक्टरों की लापरवाही की खबरें सामने आ रही है।

रांची: आए दिन झारखंड के रांची जिले से रिम्स अस्पताल की अव्यवस्था और डॉक्टरों की लापरवाही की खबरें सामने आ रही है। ऐसी ही एक और घटना रिम्स से आई है जहां परिजनों का आरोप है कि उनका मरीज जिंदा था, लेकिन फिर भी डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

दोबारा हुई महिला की मौत
दरअसल, हजारीबाग के सिरका निवासी 36 वर्षीय अंशु देवी को रिम्स में आईसीयू के अंदर वेंटिलेटर पर थr। अंशु देवी की पित्त की थैली में पथरी थी। रिम्स में डॉक्टरों के मुताबिक अंशु को हार्ट की परेशानी थी। परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला को बीते बुधवार सुबह करीब 9:15 बजे डॉक्टरों ने मृत बताते हुए शव व बॉडी कैरिंग सर्टिफिकेट थमा दिया था। इसके बाद जब परिजनों ने मरीज की धड़कन चेक की तो उसकी सांसे चलती पाई। इस दौरान परिजनों ने दौड़कर डॉक्टरों को बुलाया। रेजीडेंट डॉक्टरों ने भी मरीज के सांस चलने की बात स्वीकार की और फिर वापस उसका इलाज शुरू कर दिया। इसके बाद दोबारा इलाज शुरू होने के 8 घंटे के बाद महिला की मौत हो गई।

महिला की मौत सुबह ही हो चुकी थी
इस मामले में रिम्स के पीआरओ डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि महिला रोगी की मौत वास्तव में सुबह 9:15 बजे ही हो गई थी। चिकित्सकों ने उसे क्लीनिक डेथ घोषित कर दिया था। परिजनों ने मरीज के पल्स देख कहा कि वह जीवित है, जबकि क्लीनिकली उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद उपकरणों से जांच कराई गई, फिर उसे डेथ डिक्लियर कर दिया गया।

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