Edited By Harman, Updated: 20 Apr, 2025 11:48 AM

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई के प्रमुख बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को गिरिडीह जिले में प्रदर्शन किया और संविधान पर कथित टिप्पणी को लेकर राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन के इस्तीफे की मांग की।...
गिरिडीह: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई के प्रमुख बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को गिरिडीह जिले में प्रदर्शन किया और संविधान पर कथित टिप्पणी को लेकर राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन के इस्तीफे की मांग की। हफीजुल हसन ने 14 अप्रैल को अपने कथित 'संविधान से ऊपर शरीयत' वाले बयान को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था।
"अल्पसंख्यक मंत्री के इस्तीफा देने या मंत्रिमंडल से हटाए जाने तक विरोध जारी रहेगा"
हसन ने बाद में दावा किया कि मीडिया ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया और कहा कि शरीयत और संविधान दोनों ही उनके लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने गिरिडीह स्टेडियम से विरोध मार्च निकाला और जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन किया। बाबूलाल मरांडी ने कहा, ‘‘ अल्पसंख्यक मंत्री के इस्तीफा देने या मंत्रिमंडल से हटाए जाने तक विरोध जारी रहेगा। देश डॉ बी आर आंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान के आधार पर ही चलेगा।''
भाजपा के विरोध प्रदर्शन की निंदा करते हुए राज्य के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि अगर हसन ने कुछ भी असंवैधानिक कहा है तो भाजपा प्रमुख को अदालत जाना चाहिए। सुदिव्य कुमार ने कहा, ‘‘विरोध-प्रदर्शन से उन्हें कुछ हासिल नहीं होने वाला है। जनता ने चुनाव में भाजपा को सबक सिखा दिया है। लेकिन, वे अभी भी नहीं समझे हैं। भाजपा मंत्रिमंडल के मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को निर्देश नहीं दे सकती। मंत्री नियुक्त करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। '' कुमार के बयान पर मरांडी ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में जनता की अदालत सबसे बड़ी अदालत होती है।''