Edited By Khushi, Updated: 15 Nov, 2024 03:06 PM
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर भगवान बिरसा को माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम हेमंत ने कहा,'धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और झारखंड राज्य स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं और जोहार।
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर भगवान बिरसा को माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम हेमंत ने कहा,''धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और झारखंड राज्य स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं और जोहार। अमर वीर शहीदों और आंदोलनकारियों के सपनों के झारखंड का निर्माण ही हमारा लक्ष्य है, और हम इसे मिलकर पूरा करेंगे।
बता दें कि आज ही के दिन यानी 15 नवंबर 2000 को झारखंड की स्थापना हुई थी। यह राज्य बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर गठित किया गया था। बता दें कि झारखंड में भगवान की तरह पूजे जाने वाले धरती आबा बिरसा मुंडा की आज 150वीं जयंती है। देश उनकी जयंती पर जनजाति गौरव दिवस के रूप में मना रहा है। बिरसा मुंडा झारखंड और देश के ऐसे जननायक हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उनके नाम पर कई योजनाएं चलती हैं। संसद भवन परिसर में इनकी प्रतिमा है। झारखंड और आदिवासियों के बीच वे भगवान बिरसा मुंडा हैं।
बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 में तब के रांची और आज के खूंटी जिले उलीहातू गांव में एक आदिवासी परिवार में हुआ था। बिरसा के पिता का नाम सुगना मुंडा था और उसकी मां का नाम करमी मुंडा था। बिरसा मुंडा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मिशनरी स्कूल में की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने देखा की अंग्रेज कैसे भारतीयों और उनके समाज पर जुल्म कर रहे हैं। आखिरकार उन्हें ये जुल्म बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। झारखंड के अलावा बिरसा मुंडा की बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के आदिवासी इलाकों में भी पूजा की जाती है। रांची के कोकर में बिरसा मुंडा की समाधि है जहां हर साल उन्हें नमन करने सैकड़ों लोग आते हैं।