Edited By Khushi, Updated: 16 Oct, 2024 11:54 AM
भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। इसी के साथ 15 अक्टूबर 2024 की शाम साढ़े तीन बजे से झारखंड में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गया है। इसके चलते राज्य की हेमंत सरकार अब किसी भी योजना को लागू नहीं कर सकती।
रांची: भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। इसी के साथ 15 अक्टूबर 2024 की शाम साढ़े तीन बजे से झारखंड में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गया है। इसके चलते राज्य की हेमंत सरकार अब किसी भी योजना को लागू नहीं कर सकती। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, झारखंड के. रवि कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मतदान 13 और 20 नवंबर को 2 चरणों में होंगे। मतगणना 23 नवंबर को होगी। पहले चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना 18 और दूसरे चरण की 22 अक्टूबर को जारी होगी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करेगा। स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव हमारी प्राथमिकता होगी। शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाना भी हमारी प्राथमिकता सूची में है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने आगे कहा कि पहले चरण में 43 विधानसभा क्षेत्रों में तथा दूसरे चरण में 38 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होंगे। पहले चरण के लिए नामांकन 25 अक्टूबर तक और दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर होगी। पहले चरण के नामांकनों की स्क्रूटनी 28 अक्टूबर और दूसरे चरण की स्क्रूटनी 30 अक्टूबर को होगी। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के चुनाव को लेकर नाम वापसी की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर और दूसरे चरण के लिए नाम वापसी की अंतिम तिथि 01 नवंबर है। पूरी चुनावी प्रक्रिया 25 नवंबर को समाप्त हो जाएगी। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कुमार ने कहा कि मतदाताओं को मतदान को लेकर कोई असुविधा नहीं हो, इसे लेकर व्यापक तैयारी की गई है। चुनाव कर्मियों को इसे लेकर प्रशिक्षित भी किया गया है। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं का इंतजार कम हो, इसकी भी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक एप्प भी जारी करेगा, जिसके माध्यम से मतदाता मतदान केंद्रों की स्थिति, मसलन मतदान केंद्र पर कितने लोग मतदान के लिए कतार में हैं, यह जानकारी घर बैठे ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह एप्प बुजुर्ग मतदाताओं के लिए काफी लाभदायक होगा। वहीं 85 वर्ष से ऊपर के मतदाताओं को घर से मतदान की भी सुविधा रहेगी। इसके लिए उन्हें फार्म 12 डी भरना होगा।
कुमार ने बताया कि चुनाव प्रचार में उम्मीदवार अधिकतम 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं। संवाददाता सम्मेलन में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के साथ अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. नेहा अरोड़ा और संदीप सिंह भी मौजूद थे। वहीं, झारखंड में पहले चरण में कोडरमा, बरकट्ठा, बरही, बड़कागांव, हजारीबाग, सिमरिया (अजा), चतरा (अजा), बहरागोड़ा, घाटशिला (अजजा), पोटका (अजजा), जुगसलाई (अजा), जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, ईचागढ़, सरायकेला (अजजा), चाईबासा (अजजा), मझगांव (अजजा), जगन्नाथपुर (अजजा), मनोहरपुर (अजजा), चक्रधरपुर (अजजा), खरसांवा (अजजा), तमाड़ (अजजा), तोरपा (अजजा), खूंटी (अजजा), रांची, हटिया, कांके (अजा), मांडर (अजजा), सिसई (अजजा), गुमला (अजजा), विशुनपुर (अजजा), सिमडेगा (अजजा), कोलेबिरा (अजजा), लोहरदगा (अजजा), मनिका (अजजा), लातेहार (अजा), पांकी, डालटेनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर (अजा), हुसैनाबाद, गढ़वा, भवनाथपुर में 13 नवंबर को मतदान होगा। दूसरे चरण में जिन 38 सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होना है उनमें राजमहल, बोरियो(अजजा), बरहेट (अजजा), लिट्टीपाड़ा (अजजा), पाकुड़, महेशपुर (अजजा), शिकारीपाड़ा (अजजा), नाला, जामताड़ा, दुमका (अजजा), जामा (अजजा), जरमुंडी, मधुपुर, सारठ, देवघर (अजा), पौड़ेयाहाट, गोड्डा, महगामा, रामगढ़, मांडू, धनवार, बगोदर, जमुआ (अजा), गांडेय, गिरिडीह, डुमरी, गोमिया, बेरमो, बोकारो, चंदनकियारी (अजा), सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, टुंडी, बाघमारा, सिल्ली व खिजरी (अजजा) शामिल हैं।
बता दें कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही राज्य सरकार कोई घोषणा नहीं कर सकेगी। कोई नई योजना शुरू नहीं होगी। कोई नया टेंडर नहीं होगा। निर्माण से जुड़ी जिन योजनाओं का धरातल पर काम शुरू नहीं हुआ है, उनमें इस दौरान काम शुरू नहीं होगा। भले ही उस योजना का पूर्व में शिलान्यास हो चुका हो, लेकिन पूर्व में काम शुरू हो गया है तो वह जारी रहेगा। राज्य सरकार कोई घोषणा नहीं कर सकेगी। सांसद या विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास फंड की किसी योजना के अंतर्गत निधियों को नए सिरे से नहीं जारी कर सकता है। 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस मनाया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार के अनुसार, इसके मनाने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसमें कौन-कौन लोग भाग नहीं ले सकेंगे, इसका स्पष्ट उल्लेख आदर्श आचार संहिता में कर दिया गया है। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक आदि इसमें भाग नहीं ले सकेंगे। राज्य के अधिकारी चाहें तो इसे लेकर सामान्य आयोजन कर सकते हैं।