Edited By Diksha kanojia, Updated: 23 Oct, 2021 02:14 PM

राजेश्वरी ने शुक्रवार को अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के तहत नियमित रोजगार दिवस और ग्राम सभा का आयोजन किया जाना है। इसके साथ इच्छुक सभी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराना, महिला, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सदस्यों...
रांचीः झारखंड में मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने सभी जिलों के उपायुक्तों एवं उप विकास आयुक्तों को पत्र लिखकर अपने-अपने जिलों में 'ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास अभियान' से संबंधित गतिविधियों का सफल संचालन कराने का निर्देश दिया है।
राजेश्वरी ने शुक्रवार को अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के तहत नियमित रोजगार दिवस और ग्राम सभा का आयोजन किया जाना है। इसके साथ इच्छुक सभी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराना, महिला, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना है। वहीं, प्रति परिवार औसतन मानव दिवस में वृद्धि, जॉब कार्ड निर्गत, नवीकरण, जॉब कार्ड का सत्यापन, प्रति ग्राम हर समय 5 से 6 योजनाओं का क्रियान्वयन तथा पूर्व से चली आ रही पुरानी योजनाओं को पूर्ण करना है। साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायतों में पर्याप्त योजनाओं की स्वीकृति, अधिक से अधिक महिला मेट का नियोजन, एन एम एम एस के माध्यम से मेट द्वारा अधिक से अधिक मजदूरों की उपस्थिति दर्ज करना, जीआईएस बेस्ड प्लानिंग, सामाजिक अंकेक्षण के दौरान पाए गए मामलों का निष्पादन एवं राशि की वसूली सुनिश्चित करना है।
पत्र में उन्होंने कहा है कि इस अभियान से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुद्दढ़ करने तथा ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने की पहल की गई है। मनरेगा आयुक्त ने कहा कि राज्य सरकार ने मनरेगा योजना के तहत राज्य के ग्रामीण एवं प्रवासी श्रमिकों को उनके गांव व टोला में ही रोजगार उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। विभागीय सचिव डॉक्टर मनीष रंजन के निर्देश पर राज्य में वापस आनेवाले प्रवासी श्रमिकों को उनके क्वारंटाइन अवधि के दौरान ही जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। क्वारंटाइन अवधि पूर्ण होने के साथ ही उन्हें सरकार रोजगार भी उपलब्ध करा दे रही है।