Edited By Diksha kanojia, Updated: 08 Feb, 2022 01:46 PM

प्रकाश ने कहा कि भारत के संविधान की पांचवी अनुसूची का उल्लंघन करते हुए हेमंत सरकार ने टीएसी का गठन किया है। कहा कि हेमंत सरकार मनमानी करने पर उतारू है। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए टीएसी का गठन किया गया है। राज्यपाल के अधिकारों का हनन करते हुए टीएसी...
रांचीः भारतीय जनता पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने सोमवार को हेमंत सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) का गठन असंवैधानिक और अपूर्ण है।
प्रकाश ने कहा कि भारत के संविधान की पांचवी अनुसूची का उल्लंघन करते हुए हेमंत सरकार ने टीएसी का गठन किया है। कहा कि हेमंत सरकार मनमानी करने पर उतारू है। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए टीएसी का गठन किया गया है। राज्यपाल के अधिकारों का हनन करते हुए टीएसी का गठन किया गया है। मामले में भारतीय जनता पार्टी लगातार सवाल उठाते रही है। कहा कि इस बार राज्यपाल ने भी सवाल खड़े किया है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल समेत विधि विशेषज्ञों की राय ने स्पष्ट कर दिया है कि हेमन्त सरकार टीएसी का गठन मनमाने तरीके से की है।
उन्होंने कहा कि 5वीं अनुसूची संसद से बना कानून है, जिसे राज्य सरकार को बदलने का अधिकार नहीं है। 5वीं अनुसूची आदिवासी समाज के कल्याण और उन्नति से संबंधित है जिसे हेमंत सरकार अपने तरीके से तोड़ रही है। यह अदिवासी समाज के हितों पर कुठाराघात है। प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार के असंवैधानिक तरीके से टीएसी के गठन को लेकर 6 जून को राज्यपाल से भी पार्टी ने शिकायत किया था। इतना ही नहीं टीएसी के गठन पर राज्यसभा में भी सवाल उठाया था।
उन्होंने सदन में सवाल पूछते हुए कहा था कि आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए संविधान के 5वीं अनुसूची के तहत टीएसी यानी जनजातीय सलाहकार परिषद के गठन का अधिकार दिया है। जिसमें राज्यपाल का भी अधिकार निहित है। किन्तु हेमंत सरकार ने राज्यपाल के अधिकारों को समाप्त करते हुए टीएसी का गठन किया है। जिसका जवाब देते हुए केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा था कि यह विषय संवेदनशील है। जनजातियों की सुरक्षा, राज्यपाल के अधिकार व संविधान के तहत दिए गए अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित होना चाहिए। राज्यों को विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि टीएसी का उपयोग निजी स्वार्थ के लिए न हो।