झारखंड को 2026 तक बाल विवाह से मुक्त करने का लक्ष्य, 24 जिलों में अभियान का हुआ शुभारंभ

Edited By Harman, Updated: 23 Dec, 2025 09:44 AM

jharkhand aims to be free from child marriage by 2026 campaign launched

Jharkhand News: झारखंड में सभी 24 जिलों के गांवों को बाल विवाह मुक्त बनाने के मकसद से बाल संरक्षण संगठन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन' (जेआरसी) ने केंद्र सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत' (बीवीएमबी) अभियान के तहत एक गहन रोकथाम कार्यक्रम शुरू करने की...

Jharkhand News: झारखंड में सभी 24 जिलों के गांवों को बाल विवाह मुक्त बनाने के मकसद से बाल संरक्षण संगठन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन' (जेआरसी) ने केंद्र सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत' (बीवीएमबी) अभियान के तहत एक गहन रोकथाम कार्यक्रम शुरू करने की सोमवार को घोषणा की।

राज्य में बाल विवाह की दर 32.2 प्रतिशत  

यह पहल जेआरसी द्वारा देश भर में चलाए जा रहे एक राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा है और अभियान का उद्देश्य एक वर्ष के भीतर देशभर के एक लाख गांवों को बाल विवाह मुक्त बनाना है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-V के अनुसार, राज्य में बाल विवाह की दर 32.2 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 23.3 प्रतिशत से काफी अधिक है। संगठन ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत को 2030 तक बाल विवाह मुक्त बनाने के लक्ष्य को एक नयी और सशक्त गति प्रदान करते हुए, जेआरसी ने अगले एक वर्ष के भीतर एक लाख गांवों को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए एक गहन अभियान की घोषणा की है।'' यह संगठन देश भर में 250 से अधिक गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) का एक नेटवर्क है, जिसमें पूर्वी राज्य में कार्यरत 22 भागीदार शामिल हैं। 

सभी 24 जिलों के गांवों को बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य

बयान में कहा गया है, ‘‘इनमें से झारखंड के सभी 24 जिलों के गांवों में इससे रोकथाम के लिए चुना गया है।'' यह घोषणा भारत सरकार के बीवीएमबी अभियान की पहली वर्षगांठ के अवसर पर की गई। इसकी वर्षगांठ पर सरकार ने 100 दिवसीय कार्य योजना शुरू की थी। जेआरसी ने दावा किया कि उसने पिछले वर्ष राज्य में 16,348 बाल विवाहों को रोका है। राष्ट्रीय स्तर पर संगठन ने दावा किया कि उसने इसी अवधि के दौरान एक लाख से अधिक बाल विवाहों को रोका है। जेआरसी के अनुसार, जामताड़ा, देवघर, गोड्डा, गिरिडीह, पाकुड़, दुमका और कोडरमा जैसे जिलों में बाल विवाह की दर 40 प्रतिशत से अधिक है। साहिबगंज, हजारीबाग, पलामू, लातेहार, चतरा और गढ़वा में 30 से 39.9 प्रतिशत दर दर्ज की गई है, जबकि चार अन्य जिलों में राष्ट्रीय औसत से अधिक दरें बताई गई हैं। जेआरसी के संस्थापक भुवन रिभु ने कहा, ‘‘बाल विवाह मुक्त भारत के निर्माण में सामुदायिक समूहों, धार्मगुरुओं, पंचायतों और नागरिकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।'' 

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