यातायात जाम में फंसने पर झारखंड हाईकोर्ट के जज ने DGP, DC और SSP को लगाई फटकार

Edited By Khushi, Updated: 28 Aug, 2024 06:19 PM

jharkhand hc judge reprimands dgp dc and ssp for getting stuck

रांची में खराब यातायात प्रबंधन से नाखुश झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने बीते मंगलवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए तलब किया।

रांची: रांची में खराब यातायात प्रबंधन से नाखुश झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने बीते मंगलवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए तलब किया।

न्यायमूर्ति द्विवेदी ने राजधानी में यातायात प्रबंधन में विफल रहने पर प्रशासन की आलोचना करते हुए अदालत में उपस्थित अधिकारियों को अवगत कराया कि वह 23 अगस्त को जब अपने घर से आ रहे थे, तो उन्हें मुख्यमंत्री आवास के सामने बहुत अधिक समय तक जाम में फंसा रहना पड़ा। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की युवा शाखा द्वारा 23 अगस्त को एक विरोध रैली आयोजित की गई थी। न्यायमूर्ति द्विवेदी ने कहा,‘‘यह एक न्यायाधीश की सुरक्षा में गंभीर चूक प्रतीत होती है। सुरक्षा कवर केवल राजनेताओं और नेताओं के लिए है।'' पीठ के समक्ष पेश हुए डीजीपी गुप्ता ने माफी मांगी और अदालत को आश्वासन दिया कि प्रशासन राज्य की राजधानी में सुचारू यातायात सुनिश्चित करेगा। न्यायमूर्ति द्विवेदी ने कहा कि यदि एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को अपने कार्यस्थल तक पहुंचने में इतनी कठिनाई का सामना करना पड़ता है, तो नागरिकों की दुर्दशा की कल्पना की जा सकती है।

न्यायाधीश ने कहा कि ऐसा लगता है कि व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गई है। न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस को पता ही नहीं था कि उनसे सड़क पर क्या करने की अपेक्षा की जाती है। झारखंड पुलिस ने 23 अगस्त को भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी, पानी की बौछारें की और रबर की गोलियां दागीं। बीजेवाईएम के कार्यकर्ता हेमंत सोरेन सरकार और उसके द्वारा किए गए ‘अन्याय' और चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहने के खिलाफ यहां एक विरोध रैली के दौरान बैरिकेड तोड़ दिए थे। कांके मार्ग पर मुख्यमंत्री आवास के सामने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, जो मोरहाबादी मैदान के पास है, जहां प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए थे। न्यायाधीश ने अधिकारियों से पूछा कि कांके मार्ग पर कोई प्रदर्शन नहीं हुआ था, तो फिर इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी क्यों तैनात किये गये। न्यायमूर्ति द्विवेदी ने यातायात प्रबंधन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए आज हुई अदालत की कार्यवाही को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद के समक्ष रखने का आदेश दिया। 

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